
बेहतरीन योजनाओं और नवाचारों से राजस्थान महिला सशक्तिकरण की बन रहा मिसाल : महिला एवं बाल विकास मंत्री
जयपुर। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एक सप्ताह के कार्यक्रमों की श्रृंखला में जयपुर स्थित जवाहर कला केंद्र के रंगायन सभागार में महिला सप्ताह का शुभारम्भ समारोह एवं राज्य स्तरीय महिला आर्थिक सशक्तिकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि हर दिन महिला दिवस है। प्रदेश में महिला सशक्तिकरण की बानगी है कि आज राज्य की मुख्य सचिव एक महिला प्रशासनिक अधिकारी हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी उषा शर्मा पर विश्वास जताते हुए राज्य का मुख्य सचिव बनाया है। यह महिला सशक्तिकरण का बेहतरीन उदाहरण है। उन्होंने कहा कि मुझ पर विश्वास जताते हुए मुख्यमंत्री ने महिला एवं बाल विकास मंत्री बनने का अवसर दिया। उन्होंने प्रदेश की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ब्रांड अम्बेसेडर शूटर अवनि लेखरा को भी महिला सशक्तीकरण की मिसाल बताया।
भूपेश ने सन्देश दिया कि बेटियों को शिक्षा के साथ ही उनके हुनर को भी निखारने के अवसर दिए जाने चाहिए। महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि आंगनबाडी कार्यकर्ता को सेवानिवृति पर एक मुश्त राशि देने का मैंने मुख्यमंत्री से निवेदन किया था जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बालिका शिक्षा का स्तर बढ़ रहा है। महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों ने बालिका शिक्षा को संबल प्रदान किया है। किसी भी स्कूल में 500 से अधिक बालिकाएं पढने पर उस क्षेत्र में बालिका कॉलेज खोला जा रहा है। प्रदेश में अब तक ऎसे 50 से ज्यादा कॉलेज खोले गए हैं।

भूपेश ने कहा कि प्रदेश में सामूहिक विवाह को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसमें अब अनुदान राशि बढ़ाकर 25 हज़ार रुपए कर दी गई है। इसी प्रकार सर्व समाज के 25 जोड़ों का विवाह संपन्न करवाने पर संस्था को दस लाख रूपये देने का प्रावधान किया है। प्रदेश में बालिकाओं का लिंगानुपात निरंतर बढ़ रहा है। महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि वर्ष 2018 में प्रदेश में आंगनबाड़ियों में बच्चों, किशोरियों व धात्री महिलाओं की संख्या 36 लाख थी जो अब बढ़कर 48 लाख हो गई है। उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि प्रदेश में इस बार महिलाओं और युवाओं को समर्पित बजट पेश किया गया है।
महिलाओं को अपनी शक्ति का अहसास होना आवश्यक : उषा शर्मा
कार्यक्रम में मुख्य सचिव उषा शर्मा ने उपस्थित महिलाओं को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनायें देते हुए कहा कि महिलाओं को अपनी शक्ति और महत्व का अहसास होना आवश्यक है। महिलाओं को केवल त्याग ही नहीं करना चाहिए अपितु उमंग और उल्लास के साथ खुलकर जीना चाहिए और जीवन को सार्थक बनाना चाहिए। मुख्य सचिव ने कहा कि अपने प्रशासनिक सेवा के 35 साल के कॅरियर में उन्होंने राजस्थान में महिला सशक्तिकरण की अविस्मरणीय यात्रा को देखा है। राज्य सरकार ने महिला उत्थान में अभूतपूर्व कार्य किए हैं।
बच्चियों को शिक्षा के बेहतर अवसर मिले हैं। प्रदेश में स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं का सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण किया जा रहा है। महिलाओं को उद्यमिता के बेहतरीन अवसर मिले हैं। महिला उद्यमियों ने कई स्टार्टअप शुरू किए हैं। कुरीतियों एवं बाल विवाह में निरंतर कमी आई है। प्रदेश में महावारी स्वच्छता के लिए उड़ान योजना के अंतर्गत एक करोड़ 51 लाख महिलाओं एवं किशोरियों को निःशुल्क सेनेटरी नैपकिन वितरित किए जा रहे हैं। इस योजना के माध्यम से मुख्यमंत्री ने महिलाओं एवं किशोरियों की माहवारी स्वच्छता संबंधी समस्या का समाधान किया है। उन्होंने राजीव गाँधी ग्रामीण ओलाम्पिक खेलों को दूरदराज की किशोरियों एवं महिलाओं के लिए एक बेहतरीन अवसर बताया।
इस अवसर पर प्रमुख शासन सचिव महिला एवं बाल विकास श्रेया गुहा ने कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्री तथा मुख्य सचिव के निर्देश पर महिला दिवस को राज्य भर में एक उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक बैज्जू एन कुरप ने कहा कि हम महिला सशक्तिकरण के इस कार्यक्रम से जुड़कर प्रसन्न हैं। उन्होंने कहा कि नाबार्ड महिला सशक्तिकरण में अपना विशिष्ट योगदान दे रहा हैं। रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक रोहित पी दास ने कहा कि महिला उद्यमी ऋण अदायगी में ज्यादा विश्वसनीय है।