
गैस्ट्रोपेरिसिस एक ऐसी स्थिति है जो पेट की मांसपेशियों को प्रभावित करके पाचन को धीमा कर देती है, जिससे पेट खाली करने में कठिनाई होती है। गैस्ट्रोपेरिसिस वाले व्यक्ति को पेट में सूजन, पेट दर्द, मतली, उल्टी, दिल की धडकऩ, एसिडिटी और अपचन आदि जैसे लक्षणों का अनुभव हो सकता है. यह चिकित्सा समस्या हल्की या गंभीर हो सकती है और इससे डिहाइड्रेशन, कुपोषण और अनियमित ब्लड शुगर लेवल हो सकता है। पेट साफ करने के नेचुरल उपाय भी कारगर हो सकते हैं जो आपको हेल्दी और बीमारियों से भी दूर कर सकते हैं। यहां कुछ उपाय हैं जिससे आप पेट को साफ करते हैं।
गर्म दूध में घी

गर्म दूध या गर्म पानी के साथ घी मिलाकर पीना बेहद पुराना और प्रभावी उपचार है। इस मिक्सचर से कुछ मिनटों के भीतर ही मल त्याग की प्रक्रिया तेज हो सकती है। बस एक चम्मच घी को गुनगुने पानी या गर्म दूध में मिलाकर पिएं।
जीरा और अजवाइन

जीरा और अजवायन लंबे समय से पेट की समस्याओं के लिए फायदेमंद माने जाते रहे हैं। मल त्याग को आसान बनाने के अलावा एसिडिटी, उल्टी, पेट दर्द और ऐंठन जैसी समस्याओं से भी राहत दिलाता है। इस नुस्खे को बनाने के लिए दो चम्मच जीरा और दो चम्मच अजवाइन को भूनकर पीस लें। इसमें आधा चम्मच काला नमक मिलाएं और थोड़ी मात्रा में गर्म पानी के साथ लें।
भीगी हुई किशमिश
कब्ज से तुरंत राहत पाने के लिए किशमिश एक बेहतरीन उपाय है। सुबह 8 से 10 मुनक्के पानी में भिगोकर उनके बीज निकाल दें। भीगी हुई किशमिश को गर्म दूध के साथ पिएं। आयुर्वेद के अनुसार किशमिश का सेवन करने से पेट की समस्याओं से तुरंत राहत मिलती है और थकान और कमजोरी भी दूर होती है।
मालिश
कब्ज से राहत पाने के लिए अन्य आयुर्वेदिक उपाय है गर्म तेल की मालिश। गुनगुने तेल में अजवायन मिलाकर पेट के निचले हिस्से पर मालिश करें। इस मसाज से पेट दर्द, कब्ज और एसिडिटी की समस्या से तुरंत राहत मिलती है।
त्रिफला चूर्ण
त्रिफला चूर्ण, एक ऐसा हर्बल पाउडर है, जो पाचन में सहायता करता है और पेट की समस्याओं को कम करने में मदद करता है। इसे बनाने के लिए अजवायन, त्रिफला और सेंधा नमक को बराबर मात्रा में मिला लें। इस चूर्ण को दिन में दो बार खाने से लंबे समय से चली आ रही कब्ज की समस्या भी कम हो जाती है।
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