वैज्ञनिकों की एक ऐसी खोज जिससे मछली की नई प्रजाति पैदा हुई

किसी भी नई चीज की खोज या अविष्कार करने में बहुत लग्न और मेहनत लगती है। वहीं, दुनिया में बहुत से ऐसे अविष्कार हैं, जो संयोग और दुर्घटना से हुए हैं। हाल ही में वैज्ञानिकों के द्वारा किए जा रहे एक प्रयोग में अनपेक्षित नतीजा सामने आया। वैज्ञानिकों ने मछली की एक नई प्रजाति खोज डाली। इस चीज की कल्पना खुद वैज्ञानिकों ने भी नहीं की थी।

वैज्ञानिकों के द्वारा अनजाने में एक ऐसी गलती हो गई, जिससे अमेरिका की पैडलफिश और रूस की स्टर्जोन प्रजाति की मछलियों का संकर प्रजनन हो गया। इन दोनों मछलियों के प्रजनन से वैज्ञानिकों को स्टर्डलफिश नाम की एक नई प्रजाति मिल गई, जिसकी उन्होंने उम्मीद भी नहीं की थी। सीनेट की एक रिपोर्ट के अनुसार दो मछलियों का प्रजनन एक दुर्घटना मात्र था। इन दोनों मछलियों को जीवाश्म मछलियां कहा जाता है। पैडलफिश और स्टर्जोन फिश, दोनों मछलियों की प्रजातियां बहुत पुरानी हैं और उनका विकास भी बहुत ही धीमा है। यूनियन ऑफ कंजर्वेंशन ऑफ नेचर के मुताबिक, इन दोनों प्रजातियों की मछलियां विलुप्ति की कगार पर हैं।

वैज्ञानिकों ने जिनोजेनेसिस नाम की एक अलैंगिक प्रजनन पद्धति का प्रयोग इन दोनों मछलियों पर अलग-अलग कर रहे थे। इस प्रक्रिया में बिना डीएनए के योगदान के ही शुक्राणुओं की उपस्थिति की जरूरत होती है। शोधकर्ताओं ने गलती से पैडलफिश के शुक्राणुओं को स्टर्जोन के अंडों में गर्भाधान करा दिया। उन्हें इस बात का बिल्कुल भी पता नहीं चला और एक नई प्रजाति विकसित हो गई।

शोधकर्तोओं से हुई गलती का परिणाम ये मिला कि अंडों से एक नई संकर प्रजाति की मछली पैदा हो गई। यह शोध हंगरी में रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर फिशरीज एंड एक्वाकल्चर के वैज्ञानिक एटिला मोजार और उनके साथियों ने किया था। साइंटिफिक जर्नल जीन्स में यह शोध प्रकाशित भी हुई है। अमेरिकन पैडलफिश और रूसी स्टर्जोन का पहली बार ऐसा संकरण हुआ है। इस संकरण से जो नई प्रजाति बनी है वह ऐसीपेनसराडे और पोल्योजानटाइडे परिवारों के बीच की सदस्य हैं। हालांकि इंसान के द्वारा संकरण की गई इन नई प्रजातियों में फिर से प्रजनन नहीं हो सकता है।