
राज्य सरकार खनिज बाहुल्य चार प्रदेशों की खनन ब्लॉकों की नीलामी प्रक्रिया और ऑनलाईन डाटा अपलोड करने की प्रक्रिया का अध्ययन करवाएगी। एसीएस माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि इसके लिए निदेशक माइंस सहित दस अधिकारियों की चार टीम बनाई गई है। यह चारों दल 26 जुलाई से 30 जुलाई के बीच दौरा कर अगले दस दिनों में राज्य सरकार को अध्ययन रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
गौरतलब है मुख्यमत्री अशोक गहलोत ने पिछले दिनों माइंस विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान राज्य में खनन व खोज कार्य को गति देते हुए राजस्व बढ़ाने की आवश्यकता प्रतिपादित की थी। इसी तरह खान मंत्री श्री प्रमोद जैन भाया ने अन्य प्रदेशों की प्रक्रियाओं का अध्ययन कर प्रक्रिया के सरलीकरण के निर्देश दिए थे।
एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार ने ओडीसा, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में खनन ब्लॉकों की नीलामी प्रक्रिया का अध्ययन कराने के साथ ही ऑनलाईन डाटा अपलोड़ करने की प्रक्रिया का भी अध्ययन कराने का निर्णय किया है। उन्होंने बताया कि निदेशक माइंस केबी पण्ड्या के साथ खनि अभियंता जोधुपर श्रीकृष्णषर्मा और भू वैज्ञानिक राजकुमार मीणा मध्यप्रदेश की व्यवस्था व प्रक्रिया का अध्ययन करेंगे।
इसी तरह से अतिरिक्त निदेषक एनके कोठ्यारी और खनि अभियंता सतर्कता जयपुर जीनेश उमड ओडीसा, अधीक्षण खनि अभियंता अनिल खेमसरा, खनि अभियंता भीलवाड़ा लक्ष्मीनारायण और अधीक्षण भू वैज्ञानिक भीलवाडा एनपी सिंह कर्नाटक और अधीक्षण खनि अभियंता डीपी गौड और खनि अभियंता आमेट आसिफ अंसारी छत्तीसगढ़ जाएंगे और वहां की व्यवस्थाओं और प्रक्रियाओं का अध्ययन कर राज्य सरकार को रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि खनन की दृष्टि से महत्वपूर्ण प्रदेशों का अध्ययन के लिए चयन किया गया है। राज्य मे विपुल खनन संपदा को देखते हुए खनिज खोज व खनन के क्षेत्र में काफी काम किए जाने की आवश्यकता है। इसे लाभकारी बनाने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में खनिजों की खोज और वैज्ञानिक विधि से खनन पर जोर दिया जा रहा है।
पोटाश खोज व खनन में निवेश बढ़ाने के लिए होगा रोड़ शो
पोटाश के खोज व खनन क्षेत्र में निवेशकों को लाने के लिए दिल्ली मुंबई, बैंगलोर और कोलकता में रोड़ शो का आयोजन किया जाएगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि रोड शो का आयोजन आरएसएमएमएल, एमईसीएल, माइंस विभाग द्वारा फिक्की, सीआईआई, एफआईएमआई के सहयोग से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि देश में राजस्थान पहला और अकेला प्रदेश है जहां पोटाश के विपुल भण्डार मिले हैं और इनके दोहन के लिए आधुनिकतम सोल्यूशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
गौरतलब है कि राज्य में पोटाश के भण्डारों के व्यावहार्यता अध्ययन के लिए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की पहल पर माइंस विभाग, आरएसएमएमएल और मिनलर एक्सप्लोरेशन कारपोरेशन के बीच त्रिपक्षीय करार हुआ है।
एसीएम माइंस डॉ. अग्रवाल ने एमईसीएल को प्रतिमाह प्रगति रिपोर्ट से अवगत कराने के भी निर्देश दिए हैं वहीं जी 3 स्तर के दो ब्लाकों की नीलामी प्रक्रिया आरंभ करने और खोज कार्य जारी रखने को कहा है।राज्य में उपलब्ध पोटाश भण्डारों के लिए विशेषज्ञों का अनुमान है कि इनसे देश की पोटाश की आवश्यकता की पूर्ति के साथ ही विदेशों से आयात पर निर्भरता कम होगी।
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