
हिंदू धर्म में 4 वेद और 18 पुराण हैं, जिनका विशेष महत्व है। इन वेद-पुराणों में कई महत्वपूर्ण बातों की जानकारी दी गई है। इन वेद-पुराणों में सबसे खास गरुड़ पुराण है जो कि रहस्य से भरा हुआ है। गरुड़ पुराण में मृत्यु के उपरांत मनुष्य के साथ होने वाली गतिविधियों के बारे में जानकारी दी गई है। इसके अलावा आपको इसमें यह भी जानने को मिलेगा कि मृत्यु के बाद किस कर्म के लिए क्या सजा तय की गई है। लेकिन लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर गरुड़ पुराण कब और कैसे पढऩा चाहिए?

गरुड़ पुराण किसी व्यक्ति की मृत्यु से पहले भी पढ़ा जा सकता है। अगर कोई व्यक्ति गरुड़ पुराण पढऩे की इच्छा रखता है या उसके रहस्यों को जानना चाहता है तो वह शुद्ध मन से पवित्र होकर गरुड़ पुराण का पाठ कर सकता है। गरुड़ पुराण के मुताबिक जो व्यक्ति मृत्यु के समय भगवान का नाम लेता है उसकी मुक्ति का मार्ग खुल जाता है।
एकादशी व्रत की महिमा
गरुण पुराण में एकादशी व्रत की महिमा के बारे में बताया गया है। इसके अनुसार एकादशी व्रत को पूरी निष्ठा, श्रद्धा, भक्ति भाव और विधि विधान के साथ करने से व्यक्ति के समस्त दुख दर्द समाप्त हो जाते हैं। साथ ही पुराण में तुलसी की भी महिमा बताई गई है। तुलसी के प्रतिदिन सेवन से स्वास्थ्य संबंधी विकार नहीं होते।
कभी न करें ये गलती
गरुण पुराण में यहां तक कहा गया है कि जो लोग गंदें या मैले वस्त्र पहनतें हैं उनका सौभाग्य नष्ट हो जाता है और दरिद्रता आती है। न ही उनके घर में लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए सदैव साफ-सुथरें कपड़े पहनने की सलाह दी जाती है।
इन कर्मों से झेलना पड़ता है नर्क
गरुण पुराण में यह भी जिक्र किया गया है कि किस तरह के कर्म नर्क की राह पर ले जाते हैं। देवी-देवताओं का अपमान करने वाले, धार्मिक स्थानों पर अनुचित काम करने वालें लोगों का नर्क जाना तय है। गरुण पुराण में अलग-अलग कर्मों के लिए भिन्न-भिन्न दंड निर्धारित किए गए हैं।
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