एक्टर शरत सक्सेना बयान किया दर्द, कहा-मैं फिल्मों में पंचिंग बैग की तरह इस्तेमाल होता था

हाल ही में विद्या बालन की फिल्म शेरनी में नजर आए एक्टर शरत सक्सेना ने इंडस्ट्री में 35 साल का वक्त बिता चुके हैं। शरत इस बात से दुखी हैं कि इतने लंबे वक्त के बाद भी उन्हें बॉलीवुड में वो मुकाम हासिल नहीं हुआ जो उन्हें मिलना चाहिए था। एक इंटरव्यू में उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री को लेकर अपना रोष भी जाहिर किया है।

शरत बोले, क्योंकि मैं हट्टा-कट्टा और मस्कुलर था तो मुझे एक्शन किरदार ज्यादा मिले। मुझे फाइट सीन भी ज्यादा मिले, हीरो मेरी पिटाई किया करते थे। काला पत्थर में मैं इंट्रोडक्शन सीक्वेंस में था जिसमें तीनों हीरो (अमिताभ बच्चन, शशि कपूर और शत्रुघ्न सिन्हा) आते हैं, मुझे मारते हैं, अपने आपको हीरो के तौर पर स्थापित करते हैं और फिल्म आगे बढ़ती है। मैं फिल्मों में पंचिंग बैग की तरह इस्तेमाल होता था और मेरे फिल्मी करियर के 35 सालों की केवल यही कहानी है।

शरत आगे बोले, फिल्म इंडस्ट्री यंग लोगों की इंडस्ट्री है, बूडे लोगों का यहां कोई काम नहीं है,दुर्भाग्य से हम अभी जिंदा है और काम चाहते हैं। इस फिल्म इंडस्ट्री में बुजुर्गों को ध्यान में रखकर कितने रोल लिखे जाते हैं?

बुजुर्गों को ध्यान में रखकर जो भी अच्छे रोल लिखे जाते हैं वो अमिताभ बच्चन के खाते में जाते हैं। जो कुछ खुरचन बचती है वो हम जैसे लोगों के हिस्से में आती है और हमें इन्हें ज्यादातर रिजेक्ट कर देते हैं तो हमारे जैसे लोगों के पास काम ही नहीं बचता है।

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