जयपुर ग्रेटर मेयर और तीन पार्षदों के निलंबन के बाद भाजपा आज जयपुर के सभी वार्डों में धरना देगी

आयुक्त से हाथापाई मामले में जयपुर ग्रेटर मेयर सौम्या गुर्जर और तीन बीजेपी पार्षदों के निलंबन के मुद्दे पर सियासी विवाद हो गया है। भाजपा नेताओं ने एकजुट होकर इस मामले में कांग्रेस सरकार को घेरने का फैसला किया है।

प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने पार्टी की मेयर और तीन पार्षदों के निलंबन के खिलाफ आज शाम 5 बजे जयपुर के सभी 250 वार्डों में कारोना गाइडलाइन का पालन करते हुए धरना-प्रदर्शन करने की घोषणा की है। कल मंगलवार से सभी शहरों में मंडल स्तर पर विरोध-प्रदर्शन किए जाएंगे।

मेयर और पार्षदों के निलंबन के खिलाफ भाजपा के सभी खेमों के नेता एकजुट हो गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, विधायक अशोक लाहोटी सहित कई नेताओं ने मेयर-पार्षदों के निलंबन को लेकर सरकार पर निशाना साधा है।

वसुंधरा राजे का ट्वीट-निलंबन निंदनीय

पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने ट्वीट करके मेयर और पार्षदों के निंलबन की कार्यवाही पर सवाल उठाए। राजे ने लिखा- लोकतांत्रिक तरीक़े से चुन कर आई जयपुर ग्रेटर नगर निगम की महापौर का निलंबन निंदनीय है।

पूनिया बोले- हिटलरशाही पर उतर आई है गहलोत सरकार

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा- जयपुर ग्रेटर में कांग्रेस को हार का इतना मलाल था कि शुरू से ही षडय़ंत्र रच रही थी। सरकार कभी बजट के मामले में तो कभी कमेटियों के मामले में भेदभाव कर रही थी। निलंबन की कार्यवाही तानाशाहीपूर्ण है, गहलोत सरकार हिटलरशाही पर उतर आई है।

गैंगरेप की घटनाओं में अपराधी पकड़े नहीं जा रहे, लेकिन यहां सामान्य वाद-विवाद को आपराधिक मुकदमे में बदल दिया। इस तरह की घटना में बिना सुनवाई निलंबन करना सरकार की बड़ी भूल है। सरकार राजनीतिक चश्मे से स्थानीय निकायों में दुर्भावना से कार्यवाही कर रही है।

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