
दौसा। माकपा की गुरुवार को कृषि उपज मंडी में आमसभा हुई। इसमेें माकपा नेताओं ने केंद्र की मोदी व प्रदेश की गहलोत सरकार को कोसा। कहा, आज गद्दी पर वे लोग बैठे हैं, जिन्होंने आजादी के आंदोलन में देश की जनता से गद्दारी की।
देश में भाजपा शासन नहीं चला रही है, अंबानी-अडानी की सरकार है। मोदी-शाह सरकार के प्रचारक है। प्रदेश की गहलोत सरकार ने चुनाव में किया संपूर्ण कर्जमाफी का वादा पूरा नहीं किया। बिजली की रेट बढ़ाकर आमजन की कमर तोड़ दी। नेताओं ने 27 सितंबर को भारत बंद का प्रस्ताव रखा, जिसका किसानों व मजदूरों ने हाथ उठा समर्थन किया।
अमराराम ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार 130 करोड़ की जनता की रोटी तिजोरी में बंद कर मुनाफा कमाना चाहती है। मोदी ने कारोबारी मित्रों को फायदा पहुंचाने की चाल चली है। देश का किसान 10 माह से जमीन बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है। आंदोलन में किसानों को ऐसी प्रताडऩा मिली है, इसे कोई भी जिंदा कौम सह नहीं सकती।
छुटभैया भाजपा नेता किसानों को खालिस्तानी, पाकिस्तानी व मवाली बता रहे हैं। भाजपा सरकार अंग्रेजो की तरह बांटो, लूटो और राज करो की नीति अपना रही है। ड़कों की बोली लगाई जा रही है। चेतावनी दी कि किसानों की जमीन की तरफ आंख उठाई तो उसे फोड़ देंगे। हाथ उठाया तो काट देंगे।

अमराराम ने कहा, प्रदेश की गहलोत सरकार भी कम नहीं है। चुनाव के समय 10 दिन में संपूर्ण कर्जा माफी का वादा किया, लेकिन एक भी किसान का संपूर्ण कर्जा माफ नहीं किया। का. पेमाराम ने कहा कि भाजपा ने राष्ट्रभक्ति की दुकान खोल रखी है। कोई उनके खिलाफ बोले तो राष्ट्रदोही का तमगा लगा दिया जाता है। यूपी चुनाव के लिए किसान एकजुट है। सभा का संचालन माकपा सचिव किशन पारीक ने किया।
पीएम के नाम 14 और सीएम के नाम 13 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा
सभा के बाद माकपा पदाधिकारियों ने एसडीएम को पीएम के नाम 14 व सीएम के नाम 13 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। कलेक्ट्रेट तक रैली निकालने की चेतावनी पर किसानों का मांग पत्र लेने के लिए एसडीएम आमसभा स्थल पहुंची।
ज्ञापन में कृषि कानून वापस लेने, श्रमिक विरोधी चार श्रम संहिताओं को रद्द करने, बिजली दरें घटाने, स्थाई शुल्क व वीसीआर की लूट बंद करने, रोजगार देने, फ्री राशन देने, पेट्रोल-डीजल पर टैक्स कम करने व भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की मांग की गई।