अमेड़ा बायोलॉजिकल पार्क साल के अन्त तक खोला जायेगा: वन्य राज्यमंत्री

Minister of State for Forest and Environment Sukhram Vishnoi
Minister of State for Forest and Environment Sukhram Vishnoi

कोटा के जन्तुआलय में 24 प्रजातियों के 61 वन्य जीव

जयपुर। वन राज्यमंत्री सुखराम विश्नोई ने मंगलवार को विधानसभा में बताया कि कोटा के जन्तुआलय पार्क में वर्तमान में 24 प्रजातियों के 61 वन्य जीव उपलब्ध है। उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि कोटा के अमेडा बायोलोजिकल पार्क को इस साल के अन्त तक खोल दिया जायेगा।  विश्नोई शून्यकाल में विधायक भरत सिंह कुन्दनपुर द्वारा मुकन्दरा टाईगर रिजर्व को पर्यटकों हेतु नहीं खोले जाने एवं बाघाें के लापता होने से उत्पन्न स्थिति के सम्बन्ध में रखे गये ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर अपना जवाब दे रहे थे।

उन्होंने बताया कि मुकन्दपुरा टाईगर रिजर्व के कोर एरिया में 16 गांवाें को विस्थापित किया जाना आवश्यक था, जिनमें से लक्षपुरा, खरड़ी व बावड़ी ग्रामों को पूर्ण रूप से विस्थापित किया जा चुका है तथा एक घाटी जागीर ग्राम के 58 परिवारों में से 21 परिवारों का विस्थापन किया जा चुका है। उन्होंने आश्वस्त किया कि शेष परिवारों का विस्थापन कार्य भी शीघ्र पूरा कर लिया जायेगा।

विश्नोई ने बताया कि इस पार्क में चीता बसाने के लिए भारत सरकार से एक सर्वे टीम आई थी, जिसने शेरगढ़ अभ्यारण्य एवं यसोरगढ़ अभ्यारण्य का सर्वे किया। इस दौरान कई सुझाव भी आये, इन सुझावों पर चर्चा के बाद ही कोई कार्यवाही की जा सकेगी।

इससे पहले विश्नोई ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब में अपने लिखित वक्तव्य में बताया कि मुकन्दरा हिल्स टाईगर रिजर्व का नोटिफिकेशन 9 अप्रेल 2013 को जारी हुआ था। नोटिफिकेशन जारी होने के उपरान्त इस टाईगर-क्षेत्र में एक नर बाघ एवं दो मादा बाघिन को रणथम्भौर टाईगर रिजर्व से ट्रांसलोकेट किया गया था तथा एक नर बाघ स्वयं ही विचरण कर मुकन्दरा टाईगर रिजर्व में आ गया जिसकी जानकारी कैमरा टै्रप में फोटो आने से प्राप्त हुई।

उन्होंने इनका विवरण देते हुए बताया कि  नर बाघ एम.टी.-1 दिनांक 03 अप्रेल 2018 का रणथम्भौर टाईगर रिजर्व से ट्रांसलोकेट किया गया,बाघिन एम.टी-2 दिनांक 19 दिसम्बर 2018 को रणथम्भौर टाईगर रिजर्व से ट्रांसलोकेट किया गया,बाघिन एम.टी-4 दिनांक 12 अप्रेल 2019(एम.टी-4) को रणथम्भौर टाईगर रिजर्व से ट्रांसलोकेट किया गया था,एक नर बाघ एम.टी. -3 स्वयं ही विचरण कर मुकन्दरा टाईगर रिजर्व में आ गया जिसकी जानकारी दिनांक 09 फरवरी 2019 को कैमरा टै्रप में फोटो आने से प्राप्त हुई,बाघिन एम.टी.-2 ने वर्ष 2020 में दो शावकों को जन्म दिया था।

उन्होंने बताया कि मुकन्दरा हिल्स टाईगर रिजर्व के कोर एरिया में इको ट्यूरिज्म हेतु मार्ग (रूट्स) की व्यवस्था को टाईगर कन्जर्वेशन प्लान(TCP) में सम्मिलित किया गया है। मुकन्दरा हिल्स टाईगर रिजर्व का टाईगर कन्जर्वेशन प्लान(TCP) आक्षेपों की पूर्ति कर 12 फरवरी 2021 को भारत सरकार को अनुमोदनार्थ प्रेषित किया गया है। भारत सरकार से अनुमोदन पश्चात पर्यटन हेतु खोला जायेगा।

वन्य राज्यमंत्री ने मुकुन्दरा हिल्स टाईगर रिजर्व में वर्ष 2020 में एक नर बाघ व एक बाघिन की मृत्यु होने का विवरण देते हुए बताया कि भीलवाडा में बिजौलिया के क्षेत्र में ग्राम सुखपुरा में एक पैंथर (मादा) शिकारियों के फंदे में फसने की 30 नवम्बर 2020 को जानकारी मिलने पर ट्रेंकुलाइज कर पैंथर का उपचार किया गया। स्वास्थ्य लाभ होने के पश्चात उसे उसके प्राकृतिक आवास में छोड़ा गया। अनुसंधान के आधार पर 03 दिसम्बर 2020 को ग्राम नया गांव काल बेलिया बस्ती में राजुनाथ पिता केसर नाथ कालबेलिया द्वारा जूर्म कबुल करने पर 04 दिसम्बर 2020 को न्यायिक मजिस्ट्रेट बिजौलिया के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां मुल्जिम को न्यायालय द्वारा 14 दिन के लिए न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया। 

उन्होंने बताया कि मुकन्दरा हिल्स टाईगर रिजर्व के अन्तर्गत फंदे से शिकार करने का कोई प्रकरण सामने नहीं आया है। मुकन्दरा हिल्स टाईगर रिजर्व में बाघ एवं पैंथर के शिकार का कोई प्रकरण सामने नहीं आया है। गत दो वषोर्ं में दर्ज शिकार प्रकरणों में चम्बल नदी मछली पकड़ने के पाटागोह शिकार के तीन प्रकरण एवं मोर शिकार का एक प्रकरण तथा खरगोश के शिकार के दो प्रकरण सामने आये है। दर्ज प्रकरणों में नियमानुसार कार्यवाही जारी है। 

विश्नोई ने बताया कि मुकन्दरा हिल्स टाईगर रिजर्व में वर्तमान में अधिनस्थ कर्मचारियों के आधे से ज्यादा पद रिक्त है। सुरक्षा के दृष्टिगत उपलब्ध स्टाफ के अतिरिक्त बॉर्डर होमगार्ड के 52 एवं गृह रक्षा बल के 8 जवान नाके/चौकिंयों पर तैनात है। वनकर्मी एवं अधिकारी अपने पद स्थापित नाका और चौकियाें तथा रेंजों में तत्परता से अपने कार्य को अंजाम दे रहे है। 
उन्होंने बताया कि स्थानीय निवासियों को भ्रमण/मनोंरंजन हेतु मुकन्दरा हिल्स टाईगर रिजर्व के अन्तर्गत राष्ट्रीय चम्बल घडियाल अभ्यारण में कोटा बेराज से गराड़िया महादेव तक एवं जवाहर सागर डेम के अपस्ट्रीम मेें इको ट्यूरिज्म के तहत वोटिंग की सुविधा आमजन के लिए उपलब्ध है। वर्तमान में कोटा शहर में जन्तुआलय वन्य जीवों को देखने हेतु आम जनता के लिए खुला है।

वर्तमान में जन्तुआलय कोटा में 24 प्रजातियों के 61 वन्यजीव उपलब्ध है। अमेड़ा बायोलोजिकल पार्क में भी चिंकारा चीतल, सांभर, नील गाय एवं ब्लेक बक आदि वन्यजीवों को सिफ्ट किया जाकर आगामी वित्तीय वर्ष के अन्त तक पर्यटकों हेतु खोला जाना प्रस्तावित है। श्री विश्नोई ने बताया कि बाघ एम.टी-3 की मृत्यु 23 जुलाई 2020 को हुई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार बाघ की मृत्यु का कारण कार्डियक शॉक (cardiac shock) रहा है। उन्होंने बताया कि बांघिन एम.टी-2 दिनांक 03 अगस्त 2020 को मृत पाई गई। मृत्यु का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट एवं इंडियन वेटनरी इंस्टीट्यूट (IVRI) से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार उनके शरीर पर लगे घाव के कारण ट्रॉमेटिक शॉक रहा है। वन राज्य मंत्री ने बताया कि बाघिन एम.टी-2 के दो शावकों में से एक शावक को गंभीर रूप से घायल अवस्था में रेस्क्यू किया जाकर वरिष्ठ चिकित्सकों के दल द्वारा उपचार किया गया लेकिन उसको बचाया नहीं जा सका। वहीं दूसरा शावक को काफी ढूंढ़ने के प्रयास करने के उपरान्त भी शावक नहीं मिला। 

उन्होंने बताया कि नर बाघ एम.टी-1 माह अगस्त 2020 के द्वितीय पखवाड़े के दौरान दिनांक 19 अगस्त 2020 को कैमरा ट्रेप में साक्ष्य एवं पगमार्क तथा दिनांक 20 अगस्त 2020 को दरा रेस्ट हाउस के पीछे मेन गेट से फॉयरलाईन के रास्ते पर ट्रेकिंग टीम को आखिरी बार मिले है। इसके बाद इस बाघ के कोई साक्ष्य अभी तक मुकुन्दरा टाईगर रिर्जव में नहीं मिले है। इसी प्रकार 21 अगस्त 2020 से 25 अगस्त 2020 तक वर्षा के कारण कई रास्ते खराब होने से सभी जगह ट्रेकिंग नहीं हो सकी।

उन्होंने बताया कि बाघ एम.टी-1 को ढूंढ़ने हेतु पैदल एवं वाहन गश्त, रोरिंग साउण्ड सिस्टम, सर्विलेन्स सिस्टम व ड्रोन पी.आई.पी. बनवाना, सघन कैमरा ट्रेप आदि से पूर्ण प्रयास किये जाने के उपरान्त भी आज दिन तक मुंकन्दरा हिल्स टाईगर रिजर्व क्षेत्र एवं समीपस्त वन क्षेत्र में कोई साक्ष्य नहीं पाया गया है। स्थनीय ग्रामीणों सें सहयोग लेकर स्टाफ द्वारा नियमित ट्रेकिंग एवं गश्त की जाती है परन्तु एम.टी-1 का प्रमाण नहीं मिला मुकुन्दरा हिल्स टाईगर रिजर्व में टाईगर के शिकार या फंदे में फसने की कोई घटना प्रकाश में नहीं आई है।

वन राज्यमंत्री ने बताया कि बाघिन एम.टी-4 के बाएं पैर पर हल्का सा घाव तथा कंधे पर मांस फटने के कारण लंगडाकर चलने की सूचना प्राप्त होने पर ट्रेंकुलाईज कर प्राथमिक उपचार के बाद 28 हैक्टेयर के सॉफ्ट एनक्लोजर मंा रखा गया। वर्तमान में बाघिन पूर्ण स्वस्थ है तथा एवं प्राकृतिक रूप से किल कर रही है। बाघिन के परीक्षण एवं एक्स-रे रिपोर्ट में फंदे में फसने के कोई लक्षण तथा साक्ष्य नहीं मिले।