डॉक्टर के बताए इन टिप्स से ख्याल रखकर ठीक रख सकते हैं एनिमिया

एनिमिया
एनिमिया

आसान जान पडऩे वाला काम भी आप नहीं कर पाते, चिड़चिड़ापन, घबराहट, हरदम थकान जैसे लक्षण महसूस हों, तो संभव है आप खून की कमी के शिकार हों। पर्याप्त सजगता के अभाव में यह गंभीर स्थिति पैदा कर सकता है। इम्युनिटी कम होने से अन्य बीमारियों की चपेट में आना आसान होता है। एनीमिया जानलेवा भी हो सकता है। इसकी वजह से समझने में कमी या ब्रेन फंक्शन प्रभावित हो सकता है। यही वजह है कि इस गंभीर बीमारी के प्रति अब लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

जानलेवा एनीमिया

 एनिमिया
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एनीमिया के मुख्य रूप से तीन कारण होते हैं- पहला आहार संबंधी, दूसरा, संक्रमण या सूजन, तीसरा आनुवांशिक जैसे, थैलेसीमिया, सिकल सेल आदि।

खानपान का चलन

खानपान
खानपान

पारंपरिक खानपान कम होता जा रहा है। आधुनिक खानपान को भी सही तरीके से नहीं हो पा रहा है। बर्तमान में स्वाद पहले हो गया है और पोषण को नजरअंदाज किया जा रहा है। हरी साग सब्जी खाने का चलन कम होता जा रहा है। मांसाहारी हैं, तो माह में एक बार न खाएं। आपको कम से कम माह में तीन से चार बार ऐसा भोजन करना चाहिए। मात्रा भी लोग कम रखते हैं। इससे भी आयरन की कमी पूरी नहीं हो पाती।

मायोग्लोबिन कितना है?

पुरुषों को एनीमिया प्रभावित करता है, पर महिलाओं की अपेक्षा कम है। पुरुषों में यह मायोग्लोबिन के स्तर पर समझना है। मायोग्लोबिन यानी आयरन की कमी आपकी मांसपेशियों की मजबूती पर प्रहार करता है। खिलाडिय़ों को इसका विशेष ध्यान रखना होता है। इसकी कमी को दूर करना है, तो बढ़ते बच्चों को आयरन रिच फूड्स देने चाहिए। नियमित आहार में इसे सुनिश्चित करें।

महिलाओं को क्यों होता है एनीमिया

डॉ. मंजू कहती हैं कि महिलाओं में यह समस्या उनके जैविक स्थितियों के कारण अधिक होती है। असामान्य पीरियड्स के कारण भी एनीमिया का खतरा रहता है। पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंक के कारण शरीर में खून की कमी हो जाती है। ऐसे में डाइट से जितना आयरन मिलता है, उससे अधिक खत्म हो रहा होता है। सिर्फ खानपान से इसकी कमी पूरी नहीं कर सकते। पूरक आहार लेना ही पड़ता है। हमारे पास जितनी भी गर्भवती महिलाएं आती हैं, उनमें 50 प्रतिशत एनीमिया से जूझ रही होती हैं।

बच्चे पर गंभीर प्रभाव

अगर महिलाएं प्रेग्नेंसी के समय एनीमिया पीडि़त हैं, तो गर्भ की अवधि आगे बढऩे तक उनकी स्थिति और भी गंभीर बन सकती है। दरअसल, मां को गर्भस्थ शिशु के लिए भी खून बनाना होता है। अगर आयरन की कमी रहेगी, पर्याप्त पोषण नहीं रहेगा, तो उसका प्रभाव बच्चे के विकास पर पड़ता है। आगे चलकर उस बच्चे का आइक्यू, कॉग्नेटिव एबिलिटी तुलनात्मक रूप से कमजोर होती है। ऐसे बच्चे मोटापा और हाइपरटेंशन के आसानी से शिकार बनते हैं।

एनीमिया के सामान्य लक्षण

कमजोरी और थकान
त्वचा का रंग सफेद या पीला होना
त्वचा में रुखापन और आसानी से नीला पडऩा
अनियमित दिल की धडक़न
सांस लेने में कठिनाई
जीभ में छाले होना
चक्कर आना या बेहोशी जैसा महसूस होना
हाथ और पैर ठंडे होना
सिर दर्द, छाती में दर्द आदि

इन बातों का रखें ध्यान

एनीमिया के लक्षण को लोग हल्के में लेते हैं। जब तक यह गंभीर नहीं होता, बचाव के उपाय नहीं अपनाते। गर्भवती का हीमोग्लोबिन स्तर 11 से ऊपर और सामान्य महिला का 12 से ऊपर होना चाहिए। प्रेग्नेंसी के दौरान हीमोग्लोबिन कम है, तो आगे इसका स्तर और भी कम हो सकता है। सभी तरह की हरी सब्जियों, फलों में आयरन की मात्रा होती है। किशोरियों को पीरियड्स के पांच-छह दिनों तक हर माह आयरन की गोलियां लेनी चाहिए। यह नियम बना लें तो एनीमिया से बचाव में मदद मिलेगी। भारत में तकरीबन 65 प्रतिशत महिलाओं को खून की कमी होती है। इसका कारण सामाजिक भी है, जहां लडक़ों की तुलना मे लड़कियों को पर्याप्त पोषण युक्त आहार नहीं मिलता। हेल्थ जर्नल लांसेट के मुताबिक, दुनिया में हर चार में से एक व्यक्ति एनीमिया या खून की कमी से ग्रस्त है। पचास से साठ प्रतिशत लोग हर उम्र में एनीमिया के शिकार होते हैं। एक से तीन प्रतिशत लोग इससे गंभीर रूप से एनीमिया से प्रभावित होते हैं।

रोजाना रखें ध्यान

अगर शाकाहारी हैं, तो विटामिन बी12 की कमी की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह लेकर पूरक दवा लेनी चाहिए। बीन्स, साबूत अनाज व गहरे रंग वाली हरी पत्तेदार सब्जियों को भोजन में नियमित शामिल करें। विटामिन सी से युक्त फल और सब्जियां लें, जो भोजन से आयरन की पूर्ति करने में मदद करते हैं। जो शाकाहारी हैं, वे काला चना व गुड़ का सेवन कर सकते हैं। खानपान में उन चीजों से परहेज करें जो भोजन से आयरन के अब्जॉप्र्शन में बाधा डालते हैं जैसे, चाय, काफी, कोक आदि। खाना खाने के दो घंटे बाद दूध व चाय का सेवन करने से बचें। कुछ संक्रमण के कारण भी एनीमिया हो सकता है, इसलिए स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए ताकि संक्रमण से बचे रहें। एनिमिया

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