
न्यूयॉर्क में आयोजित संगोष्ठी में शुरुआती लक्षण और इससे बचने के उपाय पर हुई चर्चा
न्यूयॉर्क। कोलोरेक्टल या कोलन कैंसर मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है। इस पर पर्याप्त चर्चा या जानकारी के अभाव में लोग सावधानी नहीं बरतते हैं और इससे मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। सप्ताह की शुरुआत में न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूतावास में आयोजित संगोष्ठी में जाने-माने चिकित्सक और विशेषज्ञों ने कोलन कैंसर के बारे में जागरूकता पैदा करने, इसकी शुरुआती जांच और समय पर उपचार के बारे में विस्तार से चर्चा की। मार्च को कोलोरेक्टल कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। कोलोरेक्टल कैंसर वह कैंसर है, जो बड़ी आंत (कोलन) या मलाशय (कोलन का अंत) में शुरू होता है।

बृहदांत्र को प्रभावित में उपस्थित थे। करने वाले अन्य प्रकार के कैंसर में लिम्फोमा, कार्सिनॉइड ट्यूमर, मेलेनोमा और सार्कोमा भी शामिल है। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी द्वारा प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में कहा गया है कि आज पांच में से एक रोगी पेट के कैंसर का है।

55 वर्ष से कम उम्र के लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं। न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूत रणधीर जायसवाल, डॉ. अश्विन वासन न्यूयॉर्क के स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. वरुण जेफ ने कहा कि मैं प्रेम भंडारी को बाजरा के प्रचार में इतने तरीकों से योगदान देने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूँ। यह दुनिया में एक ग्लूटेन- मुक्त सुपरफूड है। यह कई स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने में मददगार है। इसके सेवन से मोटापा और मधुमेह भारत के उप महावाणिज्य दूत डॉ. के रोगों से बचा जा सकता है।

आहार में बदलाव और व्यायाम से कम हो सकता है खतरा
डॉ अरुण स्वामीनाथ, डॉ आदित्य श्रीनिवासन और डॉ पीटर भंडारी के तीन सदस्यीय पैनल ने अमेरिका और दक्षिण एशियाई समुदाय में कोलन कैंसर की वर्तमान स्थिति, रोग की व्यापकता जागरूकता की कमी और समय पर उपचार पर विचार किया गया। न्यूयॉर्क के स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. अश्विन वासन ने बताया कि कैसे दक्षिण एशियाई समुदाय के बीच कोलन कैंसर के लिए कम स्क्रीनिंग दर एक घरेलू समस्या है। उन्होंने कहा कि जब दुनिया कोविड-19 महामारी से उभर रही है हमारे पास कोलोरेक्टल कैंसर को कम करने का एक अनूठा अवसर है। आहार में बदलाव और व्यायाम पर ध्यान केंद्रित कर इस पर काबू पाया जा सकता है।

5 प्रतिशत लोग पेट के कैंसर से पीडि़त

डॉ अरुण स्वामीनाथ ने दस्त और वजन घटाने सहित कोलोरेक्टल रोग से संबंधित विभिन्न लक्षणों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि अमेरिका की आबादी का 5 प्रतिशत हिस्सा पेट के कैंसर से पीडि़त है। इनमें से अधिकांश में इसके कोई लक्षण नहीं हैं। नियमित परीक्षण कोलोनोस्कोपी स्क्रीनिंग से ही यह बीमारी पकड़ में आ सकती है। डॉ. आदित्य श्रीनिवासन ने कोलोरेक्टल जोखिम कारकों के साथ नियमित व्यायाम सहित आहार और जीवन शैली में बदलाव पर खासा जोर दिया। उन्होंने कहा कि दिन में 14 घंटे से अधिक समय तक बैठे रहने से पेट के कैंसर के विकास का 2.5 गुना अधिक जोखिम होता है। उठो, चारों ओर घूमो और रोजाना व्यायाम करो।
दुनिया में तीसरा सबसे अधिक पाया जाने वाला कैंसर

डॉ. पीटर भंडारी ने कहा कि मरीजों में कई लक्षण हो सकते हैं या कोई कोलोरेक्टल कैंसर दुनिया भर में तीसरा लक्षण नहीं हो सकता। पेट या पेट में ऐंठन सबसे अधिक पाया जाने वाला कैंसर है, जिसमें वर्ष 2020 में लगभग 1.9 मिलियन नए मामले सामने आए हैं। डॉ भंडारी ने समझाया कि सभी पॉलीप्स कैंसर नहीं हैं। डॉ भंडारी ने कोलन कैंसर के लक्षणों या इसकी कमी के बारे में भी जानकारी दी। या दर्द हो सकता है। मल में या मल पर रक्त, मल की क्षमता या स्थिरता में परिवर्तन, अस्पष्टीकृत थकान और वजनकम हो सकता है। बीमारी का सही पता लगाने के लिए स्क्रीनिंग कॉलोनोस्कॉपी बेहद आवश्यक है।
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