चीन से निपटने के लिए सेना को खुली छूट, घुसपैठ का मुंहतोड़ जवाब दें: सिंह

rajnath singh
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गलवान घाटी में चीन की सेना से हिंसक झड़प के बाद सरकार ने सेना का हौसला बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। सेना को 500 करोड़ तक के हथियार खरीदने के अधिकार दिए गए हैं। इसके अलावा लाइन ऑफ कंट्रोल (एलएसी) पर असाधारण परिस्थितियों में जवानों को हथियारों के इस्तेमाल की भी इजाजत दी गई है। जानकारी के मुताबिक एलएसी पर कुछ नियमों में बदलाव किया गया है। इसके तहत फील्ड कमांडरों को यह अधिकार दिया गया है कि वे विशेष परिस्थितियों में अपने जवानों को हथियारों के इस्तेमाल की इजाजत दे सकें।

गलवान घाटी पर चीन के दावे मंजूर नहीं हैं। ये चीन के खुद के पहले के रुख के उलट हैं। गलवान पर स्थिति लंबे समय से साफ है। एलएसी से पूरी तरह वाकिफ हैं- भारत सरकार का कहना है

भारत ने कहा- गलवान घाटी पर चीन के दावे मंजूर नहीं
भारत सरकार का कहना है कि गलवान घाटी पर चीन के दावे मंजूर नहीं हैं। ये चीन के खुद के पहले के रुख के उलट हैं। गलवान पर स्थिति लंबे समय से साफ है। एलएसी से पूरी तरह वाकिफ हैं और इसका पालन करते हैं। भारत ने कभी एलएसी पार नहीं की। भारतीय सैनिक इस क्षेत्र में लंबे समय से गश्त कर रहे हैं। सभी निर्माण भारतकी हद के अंदर ही हैं। भारत के नक्शे में सीमा स्पष्ट है। 60 साल में 43 हजार वर्ग किमी क्षेत्र पर अतिक्रमण के बारे में देश जानता है। सरकार एलएसी में एकतरफा परिवर्तन की इजाजत नहीं देगी।

गलवान में समझौतों के चलते हमारे जवानों ने हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया था
दरअसल, गलवान में हुई झड़प के दौरान भारतीय जवानों ने इसलिए हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया था, क्योंकि 1996 और 2005 में हुए समझौते में ऐसा ना करने पर चीन और भारत में सहमति बनी थी। दोनों देशों में इस बात पर भी समझौता हुआ था कि उनकी सेनाएं एलएसी के 2 किलोमीटर के दायरे में विस्फोटकों और हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेंगी।

रक्षा मंत्री ने सीडीएस और तीनों सेनाओं के प्रमुखों से बैठक की, कहा- सख्ती से निपटें
केंद्र ने अब आम्र्ड फोर्सेज को पूरी छूट दे दी है। न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सेनाओं को धरती, आसमान और समुद्री इलाके में चीन की किसी भी तरह की घुसपैठ को रोकने के लिए सख्त रवैया अ ितयार करने के लिए कहा गया है। रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत समेत सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और नौसेना प्रमुख करमबीर सिंह से बात की। इसी में उन्होंने सेनाओं को लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन से स ती से निपटने के निर्देश दिए।

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15 जून की रात को हुई थी दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प
करीब 6 ह ते से भारत और चीन के बीच लद्दाख में तनाव चल रहा है। 15 जून की रात चीन और भारत के सैनिकों में हिंसक झड़प हुई थी। चीन के सैनिकों ने कंटीले तार वाले डंडों से भारतीय जवानों पर हमला किया था, जिसमें 20 जवान शहीद हो गए।

सेना को मिली 500 करोड़ रुपए के हथियार खरीदने की मंजूर
भारत सरकार ने लद्दाख सीमा पर चीन के साथ बढ़ते विवाद के बीच भारतीय सेना को हथियार खरीदने की मंजूरी दी है। वरिष्ठ सरकारी अफसरों के मुताबिक, तीनों सेनाओं के वाइस चीफ को 500 करोड़ रुपए तक के हथियार खरीदने की इजाजत दी गई है। इसके तहत वे फास्ट ट्रैक प्रक्रिया से जरूरी हथियार खरीद सकते हैं। दरअसल, पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन ने अपने सैनिकों की तादाद बढ़ा दी है। इसे देखते हुए सरकार ने भारतीय सेना को हथियार खरीदने की अनुमति दी है ताकि विवाद होने की स्थिति में यह हथियार सेना के लिए मददगार साबित होंगे।

बता दें 15 जून को लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इसमें भारत के एक अफसर समेत 20 सैनिक शहीद हुए थे। इसके बाद से चीन और भारत के बीच तनाव बढ़ गया है। इसके बाद चीन ने गलवान घाटी को अपना हिस्सा बताया है जबकि भारत ने इस बात को नकारते हुए चीन के दावे को गलत बताया है। भारत ने कहा है कि गलवान घाटी भारत का हिस्सा है। उरी हमले के बाद बालाकोट एयर स्ट्राइक से पहले भी सेना को इसी तरह के वित्तीय अधिकार दिए गए थे।