आर्ट ऑफ लिविंग छठे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मनाने के लिए पूरी तरह से तैयार

Art of Living, Sri Sri Ravi Shankar
Art of Living, Sri Sri Ravi Shankar

लाखों लोग आर्ट ऑफ लिविंग के 20,000 शिक्षकों द्वारा निर्देशित योग

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर 21 जून को लाखों लोग आर्ट ऑफ लिविंग के 20,000 शिक्षकों  द्वारा निर्देशित योग

प्रोटोकॉल के आधार पर योग करेंगे। इसके बाद गुरुदेव श्री श्री रविशंकर वर्ल्ड मेडिटेशन कराएंगे

आर्ट ऑफ लिविंग छठे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है, जिसमें 154 देशों में संस्था के 20,000 प्रशिक्षकों के साथ लाखों लोग भाग लेकर इस प्राचीन अभ्यास का उत्सव मनाएंगे और सामान्य योग प्रोटोकॉल के आधार पर योग करेंगे। सभी कार्यक्रम ऑनलाइन वेबिनार के रूप में होंगे.  इस के दौरान वे सूर्य नमस्कार करेंगे, जिसके लिए प्रतिभागियों को कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षण दिया जाएगा।

इसके बाद वैश्विक आध्यात्मिक नेतृत्व कर्ता गुरूदेव श्री श्री रविशंकर शांति और सामंजस्य के लिए वर्ल्ड मेडिटेशन कराएंगे। 21 जून को शाम 6-8 बजे इस आयोजन का सीधा प्रसारण यू ट्यूब पेज (YouTube.com/Sri Sri) पर किया जाएगा। 

जयपुर से भी अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर विशेष कार्यक्रम* का संचालन वेबिनार के रूप में संस्था के वरिष्ठ प्रशिक्षक संजीव तुलस्यान एवं संस्था के योग प्रशिक्षकों  द्वारा प्रातः 7 से 8.30 बजे किया जायेगा जिसमें निःशुल्क (https://bit.ly/3e82vew) पर ऑनलाइन जुड़ा जा सकता है।

कार्यक्रम के दौरान आयुष मंत्रालय के योग प्रोटोकॉल के अनुसार योग, प्राणायाम, ध्यान साधना के साथ ही सूर्य नमस्कार प्रतिस्पर्धा पूर्ण करने पर प्रतिभागियों को ऑनलाइन सर्टिफिकेट भी दिए जायेंगे।  कार्यक्रम वेबिनार को होस्ट राजेश कालानी फाउंडेशन के सुरेश कालानी करेंगे जिसमें  प्रादेशिक स्तर पर सैंकड़ों लोगों सहित उत्तर प्रदेश से लायंस क्लब डिस्ट्रिक्ट 321बी 2 एवं एक नई आशा संस्था, जयपुर फिटनेस क्लब  के लोग भी जुड़ेंगे। 

योग उत्साही चिंता और तनाव को दूर करने में योग की प्रभावशीलता का लोहा मानते हैं,जो लॉक डाउन में जीवन पर दो सर्वव्यापी अभिशाप हैं। योग हमारे दैनिक जीवन में अनुभव किए जाने वाली नकारात्मक भावनाओं को प्रसन्नता, स्थिरता एवम् शांति में परिवर्तित कर देता है। जीवनशैली की अव्यवस्थाओं, जिनकी जड़ें तनाव, थकान, आराम पसंद व गलत जीवनशैली में हैं, को संभालने के लिए योग समय – समय पर परीक्षित की गयी  औषध है।

गुरुदेव श्री श्री रविशंकर योग के विज्ञान और केवल शारीरिक रूप से किए जाने वाले आसनों के बीच अंतर को बताते हुए कहते हैं,” मनुष्य के सम्पूर्ण सामर्थ्य का उदय होना ही योग है। दुख को आने से पहले ही रोक देना योग है। योग वह लहर है जो अपनी गहराई से जुड़ी है।यह हमें प्रसन्नता के स्रोत की ओर ले जाता है, जो मानवजाति की सर्वश्रेष्ठ संपत्ति है। संपत्ति का उद्देश्य प्रसन्नता एवम् विश्राम प्रदान करना है और योग सम्पूर्ण विश्राम प्रदान करता है।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस तक जाते हुए आर्ट ऑफ़ लिविंग ने योग से संबंधित विषयों पर योग विशेषज्ञों के साथ विशेष लाइव इंटरैक्शन / वेबिनार की मेजबानी की, आज की दुनिया में योग और आध्यात्मिकता की आवश्यकता है, जिसमें पूरे दिन भक्ति योग, कर्म योग, योग आहार शामिल हैं।

आर्ट ऑफ लिविंग काअन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस हुए विशेषज्ञों के साथ योग पर शोध

अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस तक ले जाते हुए आर्ट ऑफ लिविंग ने विशेषज्ञों के साथ योग पर शोध, आज के समय में विश्व में योग की आवश्यकता एवम् आध्यात्म जैसे विषयों पर विशेष लाइव संवाद एवम् वेबिनार का आयोजन भी किया जिनमें दिन भर चलने वाले भक्ति योग, कर्म योग एवं योगिक डायट के सत्र भी शामिल थे.
आर्ट ऑफ लिविंग ने “योग एवम् मानसिक स्वास्थ्य – एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण ” पर सामयिक विचार – विमर्श का भी आयोजन भी किया, जिसमें देश के कुछ प्रमुख शोधकर्ता मौजूद थे. जिन्होंने दवाईयों और योग पर व्यापक स्तर पर शोध किया है।

international yoga day
Photo: Ministry of AYUSH

इनमें डॉ सतबीर खालसा,असिसटेंट प्रोफेसर ऑफ मेडिसीन, हार्वर्ड मेडिकल स्कूल, डॉ शरले टेलेस, डायरेक्टर पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन, डॉ एच आर नगेंद्र, चांसलर एस व्यासा, डॉ बी एन गंगाधर, डायरेक्टर, निम्हंस, डॉ आनंद बालयोगी, डायरेक्टर सेंटर फॉर योग थेरेपी एजुकेशन एंड रिसर्च ( सी वाई टी ई आर )एवम् डॉ रंजीत एस भोगल,प्रमुख,रिसर्च,कैवल्यधाम शामिल हुए ।

अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर श्री श्री स्कूल ऑफ योग यूरोप ने संकट के इस समय में मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए योग समाधान प्रस्तुत करने हेतु एक वेबीनार का भी आयोजन किया। पूरे दिन मनाए जाने वाले उत्सव का उद्घाटन गुरुदेव श्री श्री रविशंकर ने किया, जिसमें  14 बेंच का पैनल था, जिनमें महामहिम मिस गायत्री इस्सर कुमार, बेल्जियम, लक्सेम्बर्ग और यूरोपियन पार्लियामेंट में भारत की राजदूत, प्रोफेसर फाहरी सातिसियोग्लू,डिपार्टमेंट ऑफ बायो साइंसेज,यूनिवर्सिटी ऑफ ओस्लो एवम् कई प्रख्यात वक्ता थे।