ऑल पार्टी मीटिंग में बोले प्रधानमंत्री मोदी- देश की एक इंच जमीन पर भी कोई नजर नहीं डाल सकता

all party meeting with prime minister
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ऑल पार्टी मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने अपनी सेनाओं को कदम उठाने की पूरी छूट दे रखी है

  • सोनिया ने पूछा- क्या सरकार को चीनी घुसपैठ की सैटेलाइट इमेज नहीं मिली थी?
  • क्या इंटेलिजेंस रिपोर्ट नहीं आई थी?
  • नीतीश ने कहा- देश जानता है कि चीन ने 1962 में क्या किया था
  • यह वक्त सभी दलों के एकजुट रहने का है
  • ममता ने कहा- हम मजबूती से सरकार के साथ हैं, भारत जीतेगा
  • और चीन हारेगा, हमें मिलकर काम करना होगा

गलवान में भारतीय सैनिकों की शहादत और चीनी सैनिकों के हमले पर बुलाई गई ऑल पार्टी मीटिंग में सरकार को ज्यादातर दलों का साथ मिला। इस मीटिंग में 20 दलों को बुलाया गया। इनमें से 10 दलों ने खुलकर सरकार का साथ दिया और कहा कि इस वक्त में हम सभी एक हैं। इनमें तृणमूल, जदयू, बीजद जैसे दल शामिल थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने अपनी सेनाओं को कदम उठाने की पूरी छूट दे रखी है। हमारी एक इंच जमीन पर भी कोई नजर नहीं डाल सकता है। शिवसेना चीफ और महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमारी सरकार में ताकत है कि वह आंखें निकालकर हाथ में दे दे। केवल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार से सवाल किए।

सोनिया के तीन सवाल
इस बैठक को काफी पहले होना चाहिए था। इस मंच पर भी काफी कुछ अंधेरे में ही है। मोदी सरकार बताए कि चीन के सैनिकों ने घुसपैठ कब की? सरकार को इस बारे में कब पता चला?

  1. क्या सरकार के पास सैटेलाइट इमेज नहीं थी? इन असामान्य
    गतिविधियों के बारे में कोई इंटेलीजेंस रिपोर्ट नहीं मिली थी?
  2. माउंटेन स्ट्राइक कोर की मौजूदा स्थिति क्या है? देश यह भरोसा चाहता है कि सीमा पर पहले जैसे हालात स्थापित हो जाएंगे। विपक्षी पार्टियों को इस बारे में लगातार जानकारी दी जाए।

क्या कहा प्रधानमंत्री मोदी ने
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी सीमा में किसी ने घुसपैठ नहीं की और ना ही चीन ने हमारी किसी पोस्ट पर कब्जा किया। हमारे 20 जवान शहीद हुए, लेकिन जिन्होंने भारत माता को चुनौती दी थी, उन्हें वे सबक सिखाकर गए हैं। उनके शौर्य को पूरा देश याद रखेगा। उनके बलिदान से सभी आहत हैं। यह भावना इस बैठक में भी जाहिर हुई है। जवान तैनात करने हैं, ए शन लेना है। हमारे देश की रक्षा के लिए सशस्त्र सेनाओं को जल, थल, नभ से जवाब देना है, जो कुछ भी करना है, वो करेंगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सेना देश की रक्षा के लिए कसर नहीं छोड़ रही है। आज हमारे पास वह ताकत है कि कोई हमारी एक इंच जमीन पर भी नजर नहीं डाल सकता। भारतीय सशस्त्र सेनाओं के पास आज वह क्षमता है कि वह कई मोर्चों पर एक साथ लड़ सकती हैं। हमने जहां एक तरफ सेना को अपने स्तर पर उचित कदम उठाने की छूट दी है, वहीं दूसरी तरफ डिप्लोमैटिक जरियों से भी चीन को अपनी बात दो टूक स्पष्ट कर दी है। भारत शांति और दोस्ती चाहता है, लेकिन अपनी संप्रभुता की रक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है। आप सबने इसी भाव को प्रकट किया है।

पीएम ने कहा कि बीते 5 साल में देश ने अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए सीमाई इलाकों में इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने पर जोर दिया। फाइटर प्लेन, आधुनिक हेलिकॉप्टर, मिसाइल डिफेंस सिस्टम पर भी हमने जोर दिया है। उन्होंने कहा कि नए इन्फ्रास्ट्रक्चर की वजह से खासकर एलएसी में हमारी निगरानी की क्षमता बढ़ गई है। पेट्रोलिंग की वजह से सतर्कता बढ़ी है। एलएसी पर हो रही गतिविधियों के बारे में भी पता चला है। जिन इलाकों में पहले नजर नहीं रहती थी, वह पर भी हमारे जवान निगरानी और एक्शन ले पा रहे हैं। अब तक जिनको कोई पूछता नहीं था, कोई रोकता नहीं था। अब हमारे जवान डगर-डगर पर उन्हें रोकते और टोकते हैं। देश और देशवासियों का हित हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। कने िटविटी, काउंटर टेररिज्म हो, भारत ने कभी किसी बाहरी दबाव को स्वीकार नहीं किया। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जो जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण है, उसे इसी तरह तेज गति से किया जाता रहेगा। उन्होंने कहा कि सभी को, सभी राजनीतिक दलों को आश्वस्त करता हूं कि हमारी सेनाएं सीमाओं की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम हैं। हमने उन्हें कार्रवाई की पूरी छूट दी हुई है।

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इन दलों ने सरकार का साथ दिया, कहा- चीनियों को नहीं घुसने देंगे
तृणमूल अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा कि सर्वदलीय बैठक देश के लिए अच्छा संदेश है। इससे यह जाहिर होता है कि हम अपने जवानों के साथ हैं और एक हैं। तृणमूल मजबूती से सरकार के साथ खड़ी है। टेलीकॉम, रेलवे और एविएशन में चीन को दखल नहीं देने देंगे। हमें कुछ समस्याएं आएंगी, पर हम चीनियों को नहीं घुसने देंगे। ममता ने कहा- चीन में कोई लोकतंत्र नहीं है। वे वह कर सकते हैं, जैसा महसूस करते हैं। दूसरी तरफ हम सबको साथ मिलकर काम करना है। भारत जीतेगा, चीन हारेगा। एकता से बात करें, एकता की बात करें, एकता से ही काम करें। जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा कि पूरे देश में चीन के खिलाफ गुस्सा है। हमारे बीच कोई मतभेद नहीं होना चाहिए। हम साथ हैं। राजनीतिक दलों को कोई मतभेद नहीं दिखाना चाहिए, जिसका दूसरे देश फायदा उठा सकें। भारत के प्रति चीन का नजरिया जाहिर है। भारत चीन को स मान देना चाहता है, लेकिन उसने 1962 में या किया।

शिवसेना अध्यक्ष और महाराष्ट्र के मु यमंत्री उद्धव ठाकरे ने चीनी सैनिकों के हमले पर तल्ख बयान दिया। ऑल पार्टी मीटिंग में उन्होंने कहा कि भारत शांति चाहता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम कमजोर हैं। चीन का चरित्र ही धोखा देना रहा है। भारत मजबूत है, मजबूर नहीं। हमारी सरकार के पास ताकत है कि वह आंखें निकाल कर हाथ में दे देगी। समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव ने कहा कि पाकिस्तान और चीन की नीयत सही नहीं है। भारत चीन का डंपिंग ग्राउंड नहीं है। चीन के सामानों पर भारत को 300 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी लगा देनी चाहिए। सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के चीफ और सिक्किम के मु यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने कहा- हमें प्रधानमंत्री में पूरा भरोसा है। इससे पहले भी जब राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले उठे तो प्रधानमंत्री ने ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। टीआरएस चीफ और तेलंगाना के मु यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कहा- कश्मीर में विकास के प्रधानमंत्री के एजेंडे से चीन भी खफा है। आत्मनिर्भर भारत का नारा भी चीन को परेशान कर रहा है।