विधानसभा से 6 विधायकों के निलंबन पर भड़के अशोक गहलोत, बोले- सरकार बहस ही नहीं चाहती

अशोक गहलोत
अशोक गहलोत

जयपुर। राजस्थान में विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस के 6 विधायकों के निलंबन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने भाजपा सरकार पर कड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सत्ताधारी पक्ष विपक्ष को उकसा रहा है और यह पहली बार देखा गया है कि सरकार खुद बहस से बचने की कोशिश कर रही है।

गहलोत ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा, “सरकार चाहती ही नहीं कि सदन में बहस हो। मैंने अपने राजनीतिक जीवन में पहली बार देखा है कि सत्ता पक्ष खुद विपक्ष को भड़काने का काम कर रहा है। यह नौबत नहीं आनी चाहिए थी।” उन्होंने आगे कहा कि राजस्थान की इस स्थिति को लेकर देशभर में लोगों के बीच गलत संदेश जा रहा है। विपक्ष की आवाज को दबाना लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है।

राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को कांग्रेस के छह विधायकों को निलंबित कर दिया गया। आरोप है कि इन विधायकों ने सदन में हंगामा और अनुशासनहीनता की थी। भाजपा सरकार ने इसे सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला बताया, जबकि कांग्रेस ने इसे विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश करार दिया।

पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए कहा, “एक लोकतांत्रिक सरकार में चर्चा और बहस होनी चाहिए, लेकिन यह सरकार विपक्ष को दबाने की कोशिश कर रही है। जो सवाल उठाए जा रहे हैं, उनके जवाब देने की बजाय सत्ताधारी दल विपक्ष को उकसा रहा है।” उन्होंने यह भी कहा कि यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत है और सरकार को विपक्ष की भूमिका को स्वीकार करना चाहिए।

कांग्रेस विधायक दल ने इस निलंबन के विरोध में विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भाजपा सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है और विपक्ष को सदन में अपनी बात कहने तक नहीं दिया जा रहा। कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर गवर्नर से मिलने की योजना बना रही है और कानूनी विकल्पों पर भी विचार कर रही है। अशोक गहलोत ने कहा कि विपक्ष को दबाने की यह राजनीति भाजपा को भारी पड़ेगी और जनता इसका जवाब देगी।