जयपुर। प्रदेश में कांग्रेस सरकार में मची उठापठक के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी नई रणनीति के तहत सरकार में दो उपमुख्यमंत्री का फॉर्मूला लागू कर सकते हैं। इसके अलावा पायलट खेमे के असंतुष्ट विधायकों को भी मंत्री बनाया जा सकता है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री प्रदेश सरकार में किसी भी तरह की टूट से बचाने के लिए सात मंत्री व 15 संसदीय सचिव भी बना सकते हैं। खास बात है कि इस पूरी कवायद में जातीय समीकरणों का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा।
अशोक गहलोत ने मंगलवार शाम मंत्रिमंडल और मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाई थी
दो डिप्टी सीएम में से एक डिप्टी सीएम गुर्जर समुदाय से होगा। चूंकि पायलट गुर्जर समुदाय से थे ऐसे में गुर्जर वोटर्स पार्टी से ना छिटके इसके लिए इस तरह का कदम उठाए जाने की संभावना है। मालूम हो कि पायलट की बर्खास्तगी के बाद अलवर, टोंक सहित कई जिलों में उनके समर्थकों ने संगठन के विभिन्न पदों से इस्तीफा दे दिया था। मुयमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार शाम मंत्रिमंडल और मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाई थी।
इसके बाद से मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। मंत्रिमंडल विस्तार में जिन लोगों के नाम सबसे आगे चल रहे हैं उनमें अनुसूचित जाति कोटा से खिलाड़ी लाल बैरवा, गुर्जर कोटे से जितेंद्र सिंह या शकुंतला रावत और ब्राह्मण कोटे से महेश जोशी शामिल हैं।नए मंत्रिमंडल में नरेंद्र बुढ़ानियां, लाखन मीणा, जोगेंद्र अवाना, राजेंद्र गुढ़ा, राजकुमार शर्मा को मंत्री बनाए जाने की संभावना है।
मालूम हो कि सचिन पायलट सहित उनके समर्थक माने जाने वाले कई विधायक सोमवार और मंगलवार को यहां हुई पार्टी की विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए। कुल 19 विधायक बैठक से बाहर रहे थे।