
भुगतना पड़ सकता है बुरा परिणाम
मकर संक्रांति का हिंदू धर्म में बहुत ही ज्यादा महत्व है। मकर संक्रांति के पावन पर्व पर सूर्य देव की पूजा का विधान है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से जातकों के पाप धुल जाते हैं। मकर संक्रांति के दिन दान-पुण्य करना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से मनोकामना पूर्ण होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन सूर्य देव मकर राशि में आते हैं, जिसका प्रभाव न केवल सभी राशियों पर बल्कि पूरे वातावरण में पर भी पड़ता है। ऐसे में मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन कुछ कार्यों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए। ये कार्य बेहद अशुभ माने जाते हैं।
भिखारी, साधु, बुजुर्ग या असहाय को खाली हाथ न जाने दें,

मकर संक्रांति के दिन यदि आपके घर पर कोई भिखारी, साधु, बुजुर्ग या असहाय व्यक्ति आता है, तो उसे घर से खाली हाथ न जाने दें। अपने सामथ्र्य के अनुसार उसे कुछ न कुछ दान देकर ही विदा करें, क्योंकि इस दिन दान का बहुत महत्व होता है। इस दिन दान में देने के लिए तिल का कोई भी सामान हो तो और भी अच्छा माना जाता है। इस दिन स्नान के पहले कुछ भी न खाएं और न ही पिएं।

मकर संक्रांति के दिन गंगा या किसी अन्य नदी में स्नान और दान करके ही कुछ खाना चाहिए, लेकिन अगर आपके आस-पास कोई नदी नहीं है तो आप घर पर ही नहाकर दान कर खाए पीएं। ज्योतिष के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन किसी भी तरह के नशे जैसे सिगरेट, शराब, गुटका आदि से खुद को दूर रखें। साथ ही इस दिन मसालेदार भोजन का सेवन भी नहीं करना चाहिए। इस दिन तिल और मूंग दाल की खिचड़ी का सेवन करना अच्छा माना जाता है।

मकर संक्रांति के दिन गलती से भी लहसुन, प्याज और मांस का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा इस दिन अपनी वाणी को भी पवित्र रखें। पूरा दिन किसी को अपशब्द न कहें और न ही गुस्सा करें। सभी के साथ मधुरता से पेश आएं।
