प्रेग्नेंसी में रहें सतर्क, मां के साथ बच्चे के लिए खतरनाक है कोई भी इंफेक्शन

प्रेग्नेंसी में इनफेक्शन
प्रेग्नेंसी में इनफेक्शन

प्रेग्नेंसी में महिलाएं हेल्दी रहें, तो उनका बच्चा भी हेल्दी होता है। हर महिला चाहती है कि उनकी प्रेग्नेंसी बिना किसी परेशानी के निकल जाए और उनका बच्चा स्वस्थ पैदा हो। हालांकि, गर्भावस्था में कुछ तरह के संक्रमणों का खतरा ज्यादा रहता है। कुछ मामलों में हल्के इंफेक्शन की वजह से भी गंभीर परेशानी हो सकती है जिससे मां और बच्चे दोनों को नुकसान पहुंच सकता है। इसके कारण मिसकैरेज, प्रीटर्म लेबर या जन्म विकार तक हो सकता है। इंफेक्शन प्लेसेंटा के जरिए या डिलीवरी के दौरान गर्भ में पल रहे शिशु तक भी पहुंच सकता है। यहां हम आपको महिलाओं में होने वाले कुछ ऐसे संक्रमणों के बारे में बता रहे हैं, जो प्रेगनेंट महिला और उनके शिशु को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

गर्भावस्था में किस तरह के संक्रमण का रहता है खतरा?

योनी में (वेजाइनल) संक्रमण, यीस्ट संक्रमण या वुल्वा में कैंडीडिएसिस, यूरिन इन्फेक्शन, इन्फ्लुएंजा, मलेरिया, और जीका कुछ ऐसे संक्रमण हैं, जो गर्भवती स्त्रियों को हो सकते हैं। इनके अलावा, रूबेला, साइटोमेगैलोवायरस, टॉक्सोप्लाज्मोसिस, और हर्पीस जैसे संक्रमण का प्रभाव मां के साथ-साथ बच्चे पर भी पड़ सकता है। मां बनने वाले स्त्रियों के लिए किसी प्रकार के संक्रमण की शीघ्र पहचान और उपचार के लिए नियमित रूप से प्रसव-पूर्व जांच कराते रहना बहुत जरूरी है।

कैसे यह हो सकता है खतरनाक?

गर्भावस्था में होने वाले संक्रमण की वजह से कई और दूसरी सेहत संबंधी परेशानियां भी हो सकती हैं। अगर उपचार नहीं कराया जाए, तो मूत्र मार्ग का इन्फेक्शन (यूटीआई) बढकऱ किडनी की समस्या पैदा कर सकता है। इससे समय से पहले प्रसव या जन्म के समय शिशु का वजन कम हो सकता है। बैक्टीरिया-जनित वेजाइनोसिस इंफेक्शन की वजह से भी प्रीमैच्योर डिलीवरी या फेटल मेम्ब्रेन्स फटने की आशंका हो सकती है।

गर्भावस्था के दौरान संक्रमणों और रोगों की कैसे कर सकते हैं रोकथाम?

गर्भावस्था के दौरान इन्फेक्शन को जल्द से जल्द रोकना बहुत जरूरी है। नीचे बताये गए उपायों से गर्भावस्था के दौरान होने वाले संक्रमण और रोगों को कम करने या उन्हें रोकने में मदद मिलती है।

हेल्थ को रखें मेंटेन

प्रेग्नेंसी में इनफेक्शन
प्रेग्नेंसी में इनफेक्शन

गर्भवती स्त्रियों को साबुन और पानी से बार-बार, खासकर शौचालय के बाद, भोजन करने से पहले और पालतू जानवरों को छूने या डायपर बदलने के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह से धोना चाहिए क्योंकि इससे सबसे ज्यादा और सबसे तेजी से इन्फेक्शन फैलता है।

बीमार लोगों से दूर रहें

गर्भवती स्त्रियों को संक्रमित खासकर फ्लू, चिकनपॉक्स और हेपेटाइटिस जैसे वायरस-जनित इन्फेक्शन से जूझ रहे लोगों के साथ संपर्क से बचना चाहिए। उन्हें दूसरे लोगों के कप, बर्तन और तौलिए का प्रयोग करने से भी परहेज करना चाहिए।

टीकाकरण कराएं

गर्भवती स्त्रियों को खुद को और अपने बच्चों को फ्लू, रूबेला और हेपेटाइटिस जैसे संक्रमणों से बचाने के लिए टीके लगवाने चाहिए। फ्लू शॉट जैसे टीके गर्भवती स्त्रियों के लिए सुरक्षित हैं और इनसे मां और बच्चे, दोनों को ही बीमारियों से बचे रहने में मदद मिल सकती है।

हेल्दी डाइट लें

प्रेग्नेंसी में इनफेक्शन
प्रेग्नेंसी में इनफेक्शन

गर्भावस्था के दौरान हेल्दी डाइट लेना बहुत जरूरी होता है। गर्भवती स्त्रियों को जरूरी विटामिन्स और खनिज प्रदान करने वाले फलों और सब्जियों से भरपूर संतुलित आहार लेना चाहिए।

नियमित रूप से जांच कराएं

गर्भावस्था के दौरान डिलीवरी से पहले अपना रूटीन चेकअप करवाते रहें। इनसे इन्फेक्शन और अन्य बीमारियों का पता लग जाता है जिससे मां और बच्चे को होने वाली समस्याओं से बचाए रखने में मदद मिल सकती है। साथ ही, हर्पीस जैसे कुछ खतरनाक संक्रमणों के मामले में जरूरत पडऩे पर डिलीवरी के प्रोसेस में भी बदलाव किया जा सकता है।

अगर संक्रमण का पता नहीं लगाया जाए या इसका उपचार नहीं कराया जाए, तो कोरिओऐम्निओटाईटिस जैसी गंभीर स्थिति पैदा हो सकती हैं, जो शिशु में होने वाला संक्रमण है। इसके कारण प्रसव के पहले या उस दौरान शिशु की मृत्यु हो सकती है। समय रहते इस पर ध्यान देकर प्रेग्नेंसी के दौरान और नवजात शिशु में जटिलताओं से बचा जा सकता है।

यह भी पढ़ें : रिश्ते मजबूत बनाने के लिए पाटर्नर से बोलने होंगे 5 झूठ

Advertisement