भरतपुर: आरबीएम अस्पताल में दो डायलिसिस मशीनें और आयेंगी

भरतपुर आरबीएम अस्पताल, bharatpur rbm hospital
भरतपुर आरबीएम अस्पताल, bharatpur rbm hospital

जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने बुधवार को राजकीय मेडिकल कॉलेज भरतपुर में मेडिकल कॉलेज विभागाध्यक्षों, जिला आरबीएम अस्पताल एवं जनाना अस्पताल के चिकित्सकों के साथ बैठक कर अस्पतालों में चिकित्सा सेवाओं के सुदृढ़ीकरण और सुधार पर विस्तार से चर्चा की।

बैठक के दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने जिला आरबीएम अस्पताल के लिए दो डायलिसिस मशीनें और खरीदने का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये इससे एचआईवी एवं हेपेटाइटिस के मरीजों के लिए अलग से डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। 

आरबीएम अस्पताल एवं जनाना अस्पताल के चिकित्सकों के साथ बैठक कर अस्पतालों में चिकित्सा सेवाओं के सुदृढ़ीकरण और सुधार पर विस्तार से चर्चा की।

उन्होंने कहा कि भरतपुर जिले में कोविड-19 मरीजों के ईलाज में चिकित्सकों द्वारा किये जा रहे प्रयास सराहनीय है। जिले में जितनी तेजी से कोरोना संक्रमित मरीज उपचार के बाद ठीक हो रहे हैं यह पूरे प्रदेश में प्रशंसा का विशय बना है और आरबीएम अस्पताल के चिकित्सकों की टीम बधाई की पात्र है। 

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने कहा कि आरबीएम अस्पताल में उच्च स्तरीय आईसीयू एवं इमरजेंसी सेवाऎं उपलब्ध कराई जायेंगी इसके लिये राज्य सरकार ,जनप्रतिनिधियों तथा भामाशाहों का सम्मिलित सहयोग लेकर प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आरबीएम एवं जनाना अस्पताल के लिये कलर डोपलर मशीनें सहित अन्य चिकित्सकीय उपकरण खरीदने तथा अन्य सुविधाओं के विकास के लिये करीब 10 करोड रूपयेे का फण्ड उपलब्ध करवाया जा रहा है।

चिकित्सा राज्य मंत्री ने कहा कि आरबीएम एवं जनाना अस्पताल में साफ-सफाई तथा हाउसकीपिंग में सुधार करने की जरूरत है ताकि यहॉ आने वाले मरीजों ,कार्यरत चिकित्सकों एवं स्टाफ को असुविधा का सामना नहीं करना पडे। उन्होंने आरबीएम अस्पताल परिसर की खाली पडी जमीन में इन्टरलॉकिंग टाईल्स लगवाने तथा रिसेप्शन एरिया को विकसित करने के निर्देश भी दिये।

आरबीएम अस्पताल में दो डायलिसिस मशीनें और आयेंगी

जिला कलक्टर नथमल डिडेल ने बैठक के दौरान कहा कि मरीज अस्पताल में बडी उम्मीद के साथ आते हैं चिकित्सकाें को पूरी संवेदनशीलता के साथ उनका उपचार कर इन उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास करना चाहिये। उन्होंने कोविड-19 के मरीजों के ईलाज के लिये आरबीएम अस्पताल के चिकित्सकों की मेहनत की सराहना की।

बैठक में राजकीय मेडिकल कॉलेज की प्रधानाचार्य डॉ. रचना नारायण , प्रमुख चिकित्सा अधिकारी नवदीप सैनी सहित मेडिकल कॉलेज के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, आरबीएम एवं जनाना अस्पतालों के अधीक्षक तथा चिकित्सक उपस्थित थे। 

ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण रोकना अब सबसे बड़ी चुनौतीः-
इससे पहले डॉ. गर्ग ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि प्रवासी मजदूरों को सकु8ाल उनके घर पहुंचाना राज्य सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। प्रवासी श्रमिकों के लिए भोजन-पानी, प्राथमिक चिकित्सा तथा अन्य आव8यक मदद प्रशासन तथा भामाशाहों द्वारा उपलब्ध करवायी जा रही है। भरतपुर जिले से अब तक करीब 50 हजार पंजीकृत व गैर पंजीकृत श्रमिकों को उनके गन्तव्य स्थान तक पहुंचने में मदद की गयी है।

भरतपुर में कोविड-19 रोकथाम की समीक्षा

चिकित्सा राज्य मंत्री डॉ. गर्ग ने कहा कि लॉकडाउन में छूट मिलने के साथ ही आर्थिक एवं व्यवसायिक गतिविधियां पुनः शुरू होने से आमजन को राहत मिली है, हालांकि कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है, ऎसे में लोग घर से बाहर निकलते समय एवं अपने कार्यालय, दुकान या कार्यस्थलों पर मास्क अनिवार्य रूप से लगायें तथा सुरक्षित दूरी बनाये रखते हुए चिकित्सकीय प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन करें।

चिकित्सा राज्य मंत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर देश के अन्य राज्यों तथा प्रदेश के अन्य जिलों से ग्रामीण क्षेत्रों में आ रहे हैं, ऎसे में ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण फैलने से रोकना अब सबसे बड़ी चुनौती है, जिसके लिए प्रशासन के साथ-साथ ग्रामस्तरीय समितियों एवं ग्रामीणों को चौकन्ना रहकर कार्य करना होगा। बाहर से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की सूचना देकर उसकी स्क्रीनिंग तथा क्वारेंटाईन करवाना होगा।