बौद्ध भिक्षुओं ने 78 एकड़ में फैले मंदिर परिसर में 3.30 लाख मोमबत्तियां जलाई, बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

थाईलैंड का 51 साल पुराना धम्मकाया मंदिर गुरुवार रात बिजली के बजाय मोमबत्तियों की रोशनी से रोशन हो उठा। मौका था- अर्थ-डे यानी पृथ्वी दिवस का। इस मौके पर बौद्ध भिक्षुओं ने 78 एकड़ में फैले मंदिर परिसर में 3.30 लाख मोमबत्तियां जलाईं और पृथ्वी को सहेजने के संदेश दिया।

इस दौरान बौद्ध भिक्षुओं ने मंदिर परिसर में दुनिया की सबसे बड़ी ज्वलंत छवि भी उकेरी। इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। दूसरी ओर एक बार में 3.30 लाख मोमबत्तियां जलाने पर बौद्ध भिक्षु पर्यावरण प्रेमियों के निशाने पर आ गए।

पर्यावरण प्रेमियों ने कहा- मोमबत्तियां जहरीले रसायनों से बनती हैं, जिनका धुआं हवा को प्रदूषित करता है। एक साथ इतनी मोमबत्तियां जलाने से पर्यावरण प्रदूषित हुआ।

ऐसा करके बौद्ध भिक्षु क्या संदेश देना चाहते थे। वहीं सवाल उठने पर बौद्ध भिक्षुओं ने सफाई दी और कहा- ेये मोमबत्तियां अर्थ डे के मौके पर वल्र्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए निश्चित समय के लिए जलाई गई थीं। मकसद पूरा होने पर उन्हें बुझा दिया गया था।

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