
संसद में देश का आम बजट पेश हो चुका है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना बजट भाषण समाप्त कर चुकी हैं। बजट में आम करदाता के टैक्स स्लैब में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है। जबकि 75 वर्ष से ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों को राहत दी गई है। उन्हें अब टैक्स भरने की आवश्यकता नहीं होगी।
वहीं सरकार ने किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। शहरी, ग्रामीण स्वच्छता के लिए सरकार ने बजट में प्रावधान किए हैं। स्वच्छ हवा के लिए भी सरकार ने अपना पिटारा खोला है। सरकार ने रेलवे के लिए राष्ट्रीय रेल योजना 2030 तैयार करने का प्रावधान किया है। जल्द ही वॉलेंट्री स्क्रैप पॉलिसी को लॉन्च किया जाएगा। बीमा क्षेत्र में 74 फीसदी तक एफडीआई को मंजूरी दी गई है।

वहीं प्रवासी मजदूरों के लिए एक पोर्टल बनाया जाएगा। जिसमें उन जुड़ी जानकारी होगी। कई सरकारी कंपनियों के विनिवेश का भी एलान किया गया। लेह में केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाया जाएगा और अनुसूचित जाति के 4 करोड़ विद्यार्थियों को 35 हजार करोड़ रुपये दिए जाएंगे। बजट में इस साल राजकोषीय घाटा के 6.8 फीसदी तक रहने का अनुमान किया गया है। सरकार ने जहां सोने और चांदी से कस्टम ड्यूटी को घटाया है। वहीं मोबाइल और चार्जर को महंगा कर दिया है।
कॉपर और स्टील में घटाई गई ड्यूटी
कॉपर और स्टील में ड्यूटी को घटाया गया है। सोने-चांदी की कस्टम ड्यूटी को घटाया गया। विदेश से कपड़ों का इंपोर्ट महंगा होंगे। कॉटन पर 10 प्रतिशत ड्यूटी बढ़ी। कुछ लेदर उत्पाद कस्टम ड्यूटी से बाहर।
इलेक्ट्रॉनिक सामान मंहगा होगा
इनकम टैक्स के सेक्शन 80ईए के तहत अब छूट को 31 मार्च, 2022 तक लिए गए लोन पर लागू किया जाएगा। इलेक्ट्रॉनिक सामान महंगा होगा, मोबाइल और उसके चार्जर महंगे होंगे। स्टील और लोहे उत्पाद सस्ते होंगे। मोबाइल उपकरण पर कस्टम ड्यूटी का 2.5 प्रतिशत लगेगा।
आम करदाता को नहीं मिली कोई राहत
टैक्स पेयर पर बोझ डालने का वक्त नहीं। टैक्स सिस्टम पारदर्शी रखने का वक्त है। आम करदाता को टैक्स में कोई नई छूट नहीं। जीएसटी अब चार साल पुरानी हो गई है। जीएसटीएन सिस्टम की क्षमता भी बढ़ाई गई है।
फेक बिलर्स की पहचान हो रही है। पिछले कुछ महीनों में रेकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन हुआ है। टैक्स ऑडिट की लिमिट 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ करने का प्रस्ताव। इस तरह सरकार ने टैक्सेशन सिस्टम की जटिलता को खत्म करने का प्रयास किया।
अफोर्डेबल हाउसिंग और रेंटल हाउसिंग
एक साल तक के लिए बढ़ी डेढ़ लाख रुपये तक की छूट। जिसकी घोषणा साल 2019 में की गई थी। अफोर्डेबल हाउसिंग उपलब्ध करवाने वालों को भी यह सुविधा दी जाएगी। मैं वर्तमान 6 वर्षों से आकलन (कर निर्धारण) को 3 साल के लिए फिर से खोलने की समय सीमा को कम करने का प्रस्ताव करती हूं।
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