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नई दिल्ली। देश के धनकुबेर मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) का 53,125 करोड़ रुपए का भारत का सबसे बड़ा राइट्स इश्यू 20 मई को खुलेगा और तीन जून को बंद होगा। मुकेश अंबानी की कंपनी ने 30 अप्रेल को राइट्स इश्यू के जरिए 53,125 करोड़ रुपए जुटाने की घोषणा की थी।
यह देश का सबसे बड़ी रकम का राइट्स इश्यू है। यह लगभग तीन दशक में आरआईएल द्वारा लाया जा रहा इस तरह का पहला निर्गम है। निर्गम के तहत एक शेयर की कीमत 1,257 रुपए होगी। शुक्रवार को रिलायंस का शेयर राइट्स इश्यू के मुकाबले 16 फीसदी ऊपर 1458.90 के स्तर पर बंद हुआ था। इस निर्गम के तहत प्रत्येक 15 शेयर पर एक शेयर की पेशकश की जाएगी।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने राइट्स इश्यू के जरिए 53,125 करोड़ रुपए जुटाने की घोषणा की
आरआईएल के 15 शेयरों पर एक शेयर राइट्स इश्यू के तहत दिया जाएगा। कंपनी दस रुपए का शेयर 1247 रुपये प्रीमियम पर कुल 1257 रुपए पर देगी। राइट्स इश्यू की रिकार्ड तिथि 14 मई है। इश्यू के आवेदन के समय आवेदकों को 25 फीसदी राशि देनी होगी। इसमें ढाई रुपया फेस वैल्यू का और 311.75 रुपए प्रीमियम का कुल 314.25 रुप देना होगा। शेष 942.75 रुपये की राशि एकमुश्त या किस्तों में ली जाएगी।
व्यापर: चीन की प्रौद्योगिकी कंपनी हुवावे पर अमेरिका ने लगाए नए प्रतिबंध
अमेरिकी सरकार ने चीन की प्रौद्योगिक क्षेत्र की दिग्गज कंपनी हुवावे पर कुछ नए प्रतिबंध लगाए हैं। इसके तहत हुवावे की अमेरिकी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने की क्षमता पर अंकुश लगाया गया है।
इससे उद्योग विकास और सुरक्षा के मुद्दे पर अमेरिका-चीन विवाद और बढ़ सकता है। अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस ने शुक्रवार को कहा कि हुवावे पर विदेशों में सेमीकंड टर के डिजाइन और उत्पादन के लिए अमेरिकी प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को लेकर पूर्व में प्रतिबंध लगाए गए थे। अमेरिका चाहता है कि हुवावे पूर्व में लगाए गए अंकुशों से बच नहीं पाए।
रॉस ने ‘फॉ स बिजनेस’ से कहा कि एक काफी उच्चस्तर की तकनीकी खामी है जिसके जरिये हुवावे अमेरिकी प्रौद्योगिकी को प्रभावित करने में सफल रही है। उन्होंने कहा कि हम कभी नहीं चाहते थे कि इस तरह की खामी रहे। हुवावे टेक्नोलॉजी चीन का पहला वैश्विक प्रौद्योगिकी ब्रांड है और यह कंपनी नेटवर्क उपकरण तथा स्मार्टफोन बनाती है।
हुवावे अमेरिका-चीन विवाद का प्रमुख मुद्दा है। अमेरिकी अधिकारी कहते रहे हैं कि हुवावे सुरक्षा के लिए खतरा है। हालांकि, कंपनी ने इन आरोपों को नकारा है। वहीं चीन का कहना है कि अमेरिका सुरक्षा चेतावनी का दुरुपयोग कर अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनियों लिए चुनौती बन रही हुवावे को नुकसान पहुंचाना चाहता है।
कोरोना का असर: अमेरिका में रिकॉर्ड 16 फीसदी गिरी अप्रेल में खुदरा बिक्री
अमेरिका में अप्रेल में फुटकर विक्रेताओं के कारोबार में मार्च की तुलना में 16.4 फीसदी की गिरावट आई। कोरोना वायरस महामारी से खरीदार बाजार से दूरी बनाए हुए हैं और खुदरा स्टोर चलाने वाली कंपनियों के लिए कारोबार संभालना कठिन हो रहा है। अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने फुटकर खरीद के बारे में शुक्रवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। इसमें कहा गया है कि पिछले 12 महीने में बिक्री 21.6 फीसदी गिर चुकी है।
इस स्तर की गिरावट कारोबार की कमर तोड़ सकती है। इस समय फुटकर कारोबार की हालत 1992 से भी अधिक खराब बताई जा रही है। इस मार्च में गिरावट 8.3 फीसदी थी जो एक नया रिकार्ड था। अप्रैल में गिरावट दोगुनी हो गई।
कंसल्टेंसी कंपनी मारिया फियोरिनी रैमिरेज के मुय अर्थशास्त्री जोशुआ शापीरो ने कहा कि, ‘यह समुद्रीय चक्रवात जैसा है जो पूरी अर्थव्यवस्था को ध्वस्त कर सब कुछ अपने साथ उड़ा ले जाना चाहता है।
शापीरो का मत है कि राज्यों और स्थानीय निकायों की ओर से बाजार खोलने की छूट देने के बाद बिक्री कुछ सुधर सकती है। कपड़े, इले ट्रॉनिक सामान और फर्नीचर की बिक्री अप्रेल में मार्च से ज्यादा तेजी से गिरी है। ऑनलाइन खरीद बढ़ रही है। अप्रैल में ऑनलाइन खरीद कारोबार पिछले माह से 8.4 फीसदी ज्यादा रहा। सालाना आधार पर ऑनलाइन खरीद 21.6 फीसदी बढ़ी है।