
नागौर। जयगच्छीय महासती नंदकंवर महाराज का 27वां स्मृति दिवस सोमवार को जयमल जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में तप-त्याग पूर्वक मनाया गया। साध्वी डॉ बिंदुप्रभा व साध्वी हेमप्रभा के सान्निध्य में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। स्मृति दिवस कार्यक्रम की शुरुआत जीव-दया के साथ हुई।
संघ के कार्यकर्ताओं ने सुबह शहर में घूमकर पशु-पक्षियों की सेवा की। आचार्य जयमल जैन मार्ग स्थित जयमल जैन पौषधशाला में सुबह साढ़े 6 बजे से प्रार्थना की गई। 9 से 10 बजे तक सामूहिक सजोड़े जाप का आयोजन किया गया। इसमें 28 जोड़ो ने नवकार महामंत्र का जाप किया। पुरूष वर्ग सफेद वेशभूषा व महिला वर्ग लाल चुनड़ी साड़ी में मौजूद रहीं। जाप में बैठने वाले सजोड़ो को निहालचंद, कीर्ति गादिया कोयंबटूर व मांगीलाल, श्रेणिक कांकरिया पीपाड़ सिटी की ओर से प्रभावना वितरित की गई।

जाप के बाद प्रवचन प्रारंभ हुआ। साध्वी डॉ बिंदुप्रभा ने प्रवचन देते हुए कहा कि महासती नंदकंवर महाराज का जन्म विक्रम संवत 1965 को पाली जिले के सोजत शहर के पास में स्थित केलवाज में हुआ था। सेवग जाति में जन्म होने पर भी उन्होंने मात्र 11 वर्ष की आयु में जैन धर्म में दीक्षा ली। उन्होंने जिनशासन की खूब प्रभावना की। आसोज सुद 13, विक्रम संवत 2051 को महासती का संथारा सहित देवलोकगमन हुआ। सच्चे अर्थों में उन्होंने जीवन के रहस्य को समझ लिया। साध्वी डॉ बिंदुप्रभा ने स्मृति दिवस पर अनेक भजनों के माध्यम से भी महासती के जीवन पर प्रकाश डाला।
मंडल ने की लघु नाटिका
प्रवचन के बाद जयमल जैन महिला मंडल व जय जैन बालिका मंडल की सदस्याओं ने महासती नंदकंवर महाराज के जीवन-वृत्तांत को दर्शाती हुई लघु नाटिका प्रस्तुत की। विनीता पींचा, राकेश सेठिया धन्नारी, दीपक कोठारी खांगटा, आस्था सेठिया धन्नारी, मोरकंवर बाई बिलाड़ा ने भी भजन, संवाद आदि के माध्यम से स्मृति दिवस पर अपने भाव प्रकट किए।
संघ की ओर से प्रकाशचंद बैद डेह, शंकरसिंह राठौड़ बिलाड़ा, पारसमल लोढ़ा भिनाय, उत्तमचंद कोठारी खांगटा, गुलाबचंद नाहर कुचेरा, प्रभाकर टाक पीपाड़ सिटी, धर्मीचंद रांका कालू, दीपक शर्मा मेड़ता सिटी आदि का बहुमान किया गया। इस दौरान 27 लक्की ड्रा भी निकाले गए। विजेताओं को सुगालचंद, रमेश गुगलिया चेन्नई द्वारा पुरस्कृत किया गया। प्रवचन की प्रभावना सुशीला देवी, किशोरचंद ललवानी परिवार की ओर से दी गई। प्रार्थना में निकाले गए लक्की ड्रा के विजेताओं को अशोककुमार बोहरा चेन्नई द्वारा पुरस्कृत किया गया। संचालन संजय पींचा ने किया।
यह भी पढ़ें-डेगाना हॉस्पिटल में पालिका कोष से 30 लाख की लागत से लगेंगे ब्लॉक