चारधाम यात्रा: अब तीर्थयात्रियों की रिपोर्ट प्रतिदिन गृह मंत्रालय को भेजी जाएगी

चारधाम यात्रा
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चारधाम यात्रा के रूट पर बुजुर्गों, दिव्यांगों, बीमार और बच्चों की सहायता पर विशेष फोकस

देहरादून। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने गुरुवार को केन्द्रीय गृह सचिव को चारधाम यात्रा का अपडेट दिया। चारों धामों के यात्रा मार्गों और ठहराव स्थलों में यात्रियों की रिपोर्ट प्रतिदिन गृह मंत्रालय को भेजी जाएगी। इस दौरान केन्द्रीय गृह सचिव ने भविष्य में चारधाम यात्रा प्रबन्धन की रणनीति के लिए कमेटी का गठन करने और धरातल स्तर पर यात्रा प्रबन्धन पर कड़ी निगरानी के निर्देश दिए।

केन्द्रीय गृह सचिव ने जरूरत पड़ने पर यात्रा मार्ग पर क्राउड मैनेजमेंट के लिए एनडीआरएफ और आईटीबीपी की मदद लेने के भी निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही केन्द्रीय गृह सचिव ने भविष्य में चारधाम यात्रा प्रबन्धन की रणनीति के लिए एक कमेटी का गठित करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने धरातल स्तर पर यात्रा प्रबन्धन पर कड़ी निगरानी पर विशेष बल दिया है।

यात्री सिर्फ पंजीकरण के बाद ही चारधाम यात्रा पर आएं

रतूड़ी ने केन्द्रीय गृह सचिव को बताया कि राज्य में यात्रा सफलतापूर्वक, सुरक्षित, सुगम एवं सुचारु रूप से संचालित हो रही है। सभी राज्यों विशेषकर पांच प्रमुख राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात व महाराष्ट्र, जहां से सबसे अधिक यात्री चारधाम पर आते हैं। उनके मुख्य सचिवों को पत्र के माध्यम से और व्यक्तिगत तौर पर बातचीत कर अनुरोध किया गया है कि यात्री सिर्फ पंजीकरण के बाद ही चारधाम यात्रा पर आएं। जिस तिथि का पंजीकरण हुआ है, उस तिथि को ही आएं। साथ ही व्यवस्था बनाए रखने के लिए 31 मई तक चारधाम यात्रा के ऑफलाइन पंजीकरण पर रोक लगाई गई है।

श्रद्धालुओं को दिए जा रहे हैं टोकन

मुख्य सचिव ने यात्रा मैनेजमेंट सिस्टम की जानकारी देते हुए कहा कि पंजीकरण के लिए उत्तराखण्ड टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड द्वारा 24 घण्टे संचालित होने वाला कॉल सेन्टर कार्य कर रहा है। पंजीकृत श्रद्धालुओं को बड़कोट (यमुनोत्री), हीना (गंगोत्री), सोनप्रयाग (केदारनाथ) तथा पाण्डुकेश्वर (बद्रीनाथ) में चेक किया जा रहा है। जानकीचट्टी (यमुनोत्री), गंगोत्री मंदिर (गंगोत्री), स्वर्गारोहिणी (केदारनाथ) तथा आईएसबीटी, बीआरओ और माणा (बद्रीनाथ) में धामों के दर्शन के लिए पंजीकृत श्रद्धालुओं को टोकन जारी किए जा रहे हैं। मंदिरों के परिसर में पंक्ति में लगे श्रद्धालुओं के टोकन पर मोहर लगाकर उनके लिए धामों के दर्शनों की व्यवस्था की गई है।

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