मुख्यमंत्री ने किया राजस्थान विजन-2030 डॉक्यूमेंट लॉन्च

विजन-2030 डॉक्यूमेंट लॉन्च
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प्रदेशवासियों की सहभागिता से साकार हुई राजस्थान विजन-2030 डॉक्यूमेंट की परिकल्पना

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरूवार को राजस्थान विजन-2030 डॉक्यूमेंट जारी किया। उन्होंने कहा कि यह डॉक्यूमेंट आने वाले समय में प्रदेश के विकास को एक नई दिशा देने वाला महत्वपूर्ण दस्तावेज साबित होगा। भविष्य में और भी सुझाव इसमें जोड़े जाएंगे। उन्होंने कहा कि विजन डॉक्यूमेंट के लिए प्रदेश की सामाजिक, आर्थिक, औद्योगिक प्रगति सहित शिक्षा, स्वास्थ्य आदि से संबधित 3 करोड़ से अधिक सुझाव लोगों से प्राप्त हुए।

विजन-2030 डॉक्यूमेंट लॉन्च
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गहलोत ने इस दौरान चिकित्सा शिक्षा विभाग, सार्वजनिक निर्माण विभाग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग एवं जल संसाधन विभाग के लगभग 12 हजार 700 करोड़ रुपए के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास भी किया। इनमें चिकित्सा शिक्षा विभाग के 1155.70 करोड़ रुपए के 11 कार्य, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के 4884 करोड़ रुपए के 149 कार्य, सार्वजनिक निर्माण विभाग के 1328.80 करोड़ रुपए के 27 कार्य तथा जल संसाधन विभाग के 5388 करोड़ रुपए के 81 कार्य शामिल थे। उन्होंने कहा कि हमारा ध्येय मार्केटिंग से ज्यादा काम पर है। यह हर्ष का विषय है कि इस वर्ष 15 अगस्त को अपने संबोधन में विजन डॉक्यूमेंट की पहल की। इतने अल्प समय में ही व्यापक स्तर पर लोग इस मुहिम से जुड़े तथा उन्होंने अपनी सोच सरकार तक पहुंचाई। डॉ. कलाम ने कहा था कि सपना बड़ा देखो, हमने देखा तथा प्रदेशवासियों की सहभागिता से साकार हुआ।

अन्य राज्य कर रहे हमारी योजनाओं का अनुसरण

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मुख्यमंत्री ने कहा कि अपनी अभावग्रस्त छवि को पीछे छोडकर राजस्थान आज आगे बढ़ रहा है। अब विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए बाहर नहीं जाना पड़ रहा है, ग्रामीण क्षेत्रों में ही अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले गए हैं। ओपीएस जैसी पहल की चर्चा पूरे देश में है। उन्होंने कहा कि आयोग का गठन कर किसानों की भूमि कुर्क नहीं करने का प्रावधान किया गया है। देश में पहली बार गिग वर्कर्स एक्ट लाया गया जिससे लाखों गिग वर्कर्स को शोषण से सुरक्षा मिली। इस प्रकार का कानून दुनिया भर में लागू करने की अनुशंसा विश्व के प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में की जा रही है। उन्होंने कहा कि महंगाई से राहत देने के लिए लाई गई राज्य की जनकल्याणकारी योजनाएं पूरे देश में सराही जा रही हैं तथा इनका अनुसरण किया जा रहा है। 500 रुपए में गैस सिलेण्डर देने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है। केन्द्र सरकार को पूरे देश में यह योजना लागू करनी चाहिए। घरेलू एवं कृषि उपभोक्ताओं को 100 एवं 2000 यूनिट बिजली नि:शुल्क दिए जाने से 1 करोड़ घरेलू उपभोक्ताओं तथा 14 लाख किसानों का बिल शून्य हो गया है। 1 करोड़ से अधिक लोगों को न्यूनतम 1000 रुपए सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए 4 क्रांतिकारी कानूनों की तर्ज पर प्रदेश में राइट टू हैल्थ लाया गया। केन्द्र सरकार को भी इस क्रम में राइट टू सोशल सिक्योरिटी लागू करना चाहिए।

हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा राजस्थान

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गहलोत ने कहा कि गत पांच वर्षों में राजस्थान हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। श्री गहलोत ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 25 लाख रुपए तक का नि:शुल्क स्वास्थ्य बीमा दिया जा रहा है। राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना के तहत 500 बच्चों को विदेश भेजा रहा है। जिस तरह बड़ौदा महाराजा ने डॉ. भीमराव अंबेडकर को विदेश भेजा और वे संविधान निर्माता बनकर लौटे उसी तरह ये बच्चे भी विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञ बनकर लौटेंगे। राज्य में 30 हजार विद्यार्थियों को नि:शुल्क कोचिंग दी जा रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में लाए गए सुधारों के कारण यहां के विद्यार्थी सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। पहली बार किसानों के लिए राज्य में अलग बजट पेश किया गया। 12 मिशन के माध्यम से किसानों को नीतिगत तथा आर्थिक रूप से सुदृढ करने का कार्य किया जा रहा है। पशुपालकों को राज्य सरकार की नीतियों से मिले प्रोत्साहन का ही परिणाम है कि आज दूध उत्पादन में राजस्थान प्रथम स्थान पर है। प्रदेश में नए जिले बनाए गए, इससे मुख्यालय से दूरियां कम हुई हैं तथा छोटी प्रशासनिक इकाइयों द्वारा तेजी से विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ है। रामलुभाया कमेटी द्वारा सिफारिश पर राज्य में और नए जिलों का गठन किया जाएगा।

शानदार वित्तीय प्रबंधन, पूरे हुए वादे

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मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी में प्रदेश में शानदार प्रबन्धन किया गया। राजस्थान का नाम देश दुनिया में रोशन हुआ। इस दौरान राज्य के 35 लाख लोगों को डीबीटी के माध्यम से आर्थिक सहायता दी गई। आज उत्तर भारत में आर्थिक विकास दर में राजस्थान प्रथम स्थान पर है। उन्होंने कहा कि चार सालों में जीडीपी 6 लाख करोड़ बढ़ी है तथा 2030 तक इसे 30 लाख करोड़ तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। जनकल्याणकारी योजनाओं के संचालन के साथ-साथ उच्च आर्थिक विकास दर शानदार वितीय प्रबन्धन से ही संभव हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा जनहित में शानदार फैसले लिए गए हैं तथा जनता से किए गए 90 प्रतिशत से अधिक वादे अब तक पूरे किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि पेपरलीक पर रोक के लिए कानून बनाया गया है तथा आजीवन कारावास जैसे कड़े प्रावधान किए गए हैं। इन प्रकरणों में लगभग 200 लोगों को जेल भेजा जा चुका है।

शांति और भाईचारे से ही प्रगति

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गहलोत ने कहा कि प्रदेश में गांधीवादी विचारों के प्रचार-प्रसार करने तथा सामाजिक समरसता को बढ़ाने के लिए शांति एवं अहिंसा विभाग की स्थापना की गई। राज्य सरकार द्वारा सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करने एवं अहिंसावादी सोच को बढ़ावा देने के लिए 20 हजार युवाओं को तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मणिपुर में पिछले काफी समय से जारी हिंसा चिंताजनक है। शान्ति एवं भाईचारे से ही प्रगति का मार्ग प्रशस्त होता है। उन्होंने कहा कि राज्य में वैचारिक एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करने के लिए इंडिया हैबिटेट सेंटर की तर्ज पर राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की तर्ज पर महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया की तर्ज पर कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ राजस्थान की स्थापना की गई।

संघीय ढांचे को क्षति पहुंचाने वाली सोच अहितकारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचाने वाली सोच देश के लिए अहितकारी है। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने से चुनावों का महत्व समाप्त होता है तथा लोकतांत्रिक मूल्यों को ठेस पहुंचती है। उन्होंने कहा कि राज्य को केन्द्र से मिलने वाले अनुदान में कटौती हुई है। सभी प्रकार के व्यवधानों का सामना करते हुए हम आगे बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) के अंतर्गत 53 बांधों को जोडऩे की घोषणा की गई है। केन्द्र सरकार को जल्दी से जल्दी ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देना चाहिए। जनकल्याणकारी योजनाओं को रोकने से जनता का अहित होता है। रिफाइनरी के रूकने से इसके खर्चे में अप्रत्याशित वृद्धि इसका एक उदाहरण है।

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