दिल्ली में बच्चों के खरीद-फरोख्त नेटवर्क का पर्दाफाश

बच्चों को ले जाती महिला पुलिकर्मी
बच्चों को ले जाती महिला पुलिकर्मी

7 से 8 नवजात बच्चों को रेस्क्यू किया, एक की उम्र तो महज 36 घंटे

नई दिल्ली। सीबीआई ने दिल्ली के केशव पुरम इलाके में बच्चों के खरीद-फरोख्त करने वाले मानव तस्करी के बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है। दो दिन चली रेड के बाद सीबीआई ने 7 से 8 नवजात बच्चों को रेस्क्यू किया। सीबीआई यह देखकर हैरान रह गई की वहां से रेस्क्यू किए गए बच्चों में एक की उम्र तो मात्र 36 घंटे ही थी जबकि दूसरे की उम्र 15 दिन।

सात आरोपी हिरासत में

रेड के दौरान केशव पुरम थाने की पुलिस भी मौके पर रही मौजूद थी। अस्पतालों से बच्चा चोरी के इस गैंग का पर्दाफाश करते हुए सीबीआई ने दिल्ली-एनसीआर से अब तक 7 आरोपियों को भी दबोचा है। नॉर्थ वेस्ट दिल्ली के केशवपुरम के मकान से सीबीआई ने दो नवजात बच्चे रेस्क्यू किए हैं।

बच्चों का डिटेल्स खंगाल रही सीबीआई

सूत्रों के मुताबिक सीबीआई बरामद बच्चों का डिटेल्स खंगाल रही है। इन बच्चों का कहां से और कैसे अपहरण हुआ इसको लेकर पूछताछ की जा रही है। अधिकारियों को शुरुआती जांच में मामला नवजात बच्चों की खरीद-फरोख्त का लग रहा है। फिलहाल सीबीआई की टीम इस मामले में बच्चों को बेचने वाली महिला और खरीदने वाले व्यक्ति से पूछताछ कर रही है। पुलिस ने इस मामले में एक महिला समेत करीब सात लोगों को हिरासत में लिया है।

अस्पताल से चोरी करते थे बच्चों को

बताया जा रहा है कि इस गिरोह के लोग अस्पतालों से बच्चों की चोरी करते थे। इस मामले में एक वॉर्ड बॉय को भी गिरफ्तार किया गया है।

रेस्क्यू किए गए सभी बच्चों की उम्र 10 साल से कम

बता दें कि सीबीआई को बच्चों की खरीद फरोख्त की जानकारी मिली थी। जिसके बाद छापेमारी की ये कार्रवाई शुरू की गई थी। सीबीआई ने जिन बच्चों को रेस्क्यू किया है उनकी उम्र 10 साल से कम है।

4 से 6 लाख रुपए में बेचे जा रहे थे बच्चे

सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि अब तक की जांच से पता चला है कि आरोपी विज्ञापन के माध्यम से, फेसबुक पेज और व्हाट्सएप ग्रुप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भारत भर के वैसे नि:संतान दंपतियों से जुड़ते थे जो बच्चे गोद लेने के इच्छुक होते थे। वे कथित तौर पर वास्तविक माता-पिता के साथ-साथ सरोगेट माताओं से भी बच्चे खरीदते थे और उसके बाद नवजात बच्चों को 4 से 6 लाख प्रति बच्चे की कीमत पर बेचते हैं। ये आरोपी कथित तौर पर गोद लेने से संबंधित फर्जी दस्तावेज बनाकर कई नि:संतान दंपतियों से लाखों रुपए की ठगी करने में भी शामिल रहे हैं।