
दुनिया में अपना वर्चस्व कायम करने के लिए चीन खतरनाक प्रयोगों में जुटा रहता है। कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर दुनिया भर की जांच एजेंसियों की निगाह में आ चुका चीन अब सुपरह्यूमन प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। इसके लिए वह 52 देशों की 80 लाख से ज्यादा गर्भवती महिलाओं के जेनेटिक डेटा का चोरी-छिपे अध्ययन कर रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि चीन की सेना (पीएलए) ने इस काम में चीनी कंपनी बीजीआई की मदद ली है। यह कंपनी दुनियाभर में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्ण जांच से जुड़ी हुई है। इस जांच के बहाने बीजीआई ग्रुप ने बड़ी संख्या में गर्भवतियों का जीन डेटा एकत्र कर लिया है।

इसे निफ्टी (नॉन इन्वेसिव फैटल ट्रिजोमी) डेटा के तौर पर जाना जाता है। इसमें महिला की उम्र, वजन, लंबाई और जन्म स्थान की जानकारी होती है। ऐसे ही कुछ तथ्यों के आधार पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए ऐसे गुणों का पता लगाया जा रहा है, जिनसे भविष्य में पैदा होने वाली आबादी के शारीरिक गुणों में बदलाव किया जा सके।