ताइवान के एयरस्पेस में अपने 25 जेट फाइटर्स भेजने के बाद भी चीन गलती मानने को तैयार नहीं है। अब उसने अमेरिका को भी इस मामले से दूर रहने की वॉर्निंग दी है।
चीन के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा- ताइवान हमेशा से चीन का हिस्सा रहा है। अगर अमेरिका इस मामले में दखल देने की कोशिश करेगा तो उसे गंभीर नतीजे भुगतने पड़ेंगे। अमेरिका आग से खेलने की कोशिश न करे।
चीन का यह बयान साफ तौर पर अमेरिका को धमकी के तौर पर देखा जा रहा है। दरअसल, अमेरिका ने ताइवान के हवाई क्षेत्र में चीन के लड़ाकू विमानों की उड़ान के बाद एक बड़ा फैसला किया।
बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन ने अमेरिकी और ताइवानी अफसरों की मुलाकातों पर लगे प्रतिबंध हटा लिए। इसके मायने ये हुए कि अब इन दोनों देशों के अफसर चीन के खिलाफ कोई भी रणनीति बना सकते हैं और इसके लिए बेरोकटोक मुलाकात भी कर सकते हैं।