
- उप-केन्द्रों और पी.एच.सी. को स्वास्थ्य और वेलनेस सेन्टर के रूप में उन्नत करने की क्या योजना है – कर्नल राज्यवर्धन।
- कैंसर सहित लंबी बीमारी के मरीजो को कवर करने और योजना के क्रियांन्वयन में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाए है – कर्नल राज्यवर्धन।
- देशभर में 57,240 एबी-एचडब्ल्यूसी प्रचालनरत है, राजस्थान में 2,314 कार्यशील है – अश्विनी कुमार चौबे।
- आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में 5 लाख रूपये तक प्रति परिवार प्रतिवर्ष का स्वास्थ्य आश्वासन उपलब्ध है – अश्विनी कुमार चौबे।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं जयपुर ग्रामीण सांसद कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने लोकसभा में आयुष्मान भारत योजना की मुख्य विशेषताएं, इसके अंतर्गत कवर की गई चिकित्सा का ब्यौरा, उप-केन्द्रों और पी.एच.सी. को स्वास्थ्य और वेलनेस सेन्टर के रूप में उन्नत करने, कैंसर सहित लंबी बीमारी वाले मरीजों को कवर करने व इस योजना के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार के मामलों एवं की गई कार्यवाही आदि के बारे में प्रश्न पूछे।
सांसद कर्नल राज्यवर्धन द्वारा पूछे गए सवालों का स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने जवाब दिया कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना में द्वितीयक तथा तृतीयक अस्पताल भर्ती के लिए 5 लाख रूपये तक प्रति परिवार प्रतिवर्ष का स्वास्थ्य आश्वासन उपलब्ध है। यह पूर्ण रूप से कैशलेस तथा कागज रहित योजना है। इसमें परिवार के आकार अथवा आयु अथवा लिंग की कोई बंदिश नहीं है।
आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और आरोग्य केन्द्र ( एबी-एचडब्ल्यूसी) के तहत भारत सरकार उप-स्वास्थ्य केन्द्रों (एमएचसी) और ग्रामीण शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (पीएचसी) का उन्नयन करके 1,50,000 स्वास्थ्य और आरोग्य केन्द्रों का सृजन करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके माध्यम से समुदाय को स्वास्थ्य परिचया और निकट से प्रदान की जाएगी। ये केन्द्र मौजूदा प्रजनन और बाल स्वास्थ्य (आरसीएच) सेवाओं और संचारी रोग सम्बंधी सेवाओं का विस्तार और सुदृढ़िकरण करके तथा गैर संचारी रोगो से जुडी सेवाओं को शामिल करते हुए तथा मानसिक स्वास्थ्य ईएनटी (नाक,कान,गला) नेत्र विज्ञान, मुख स्वास्थ्य, जराचिकित्सा और प्रशासक स्वास्थ्य परिचया और ट्रोमा परिचया के साथ-साथ योग जैसे स्वास्थ्य संवर्द्धन और आरोग्य क्रियाकलापों का समावेश करके व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य परिचया (सीपीएचसी) प्रदान करने वाले है।
02.02.2021 की स्थिति के अनुसार देशभर में 57,240 एबी-एचडब्ल्यूसी प्रचालनरत है। जिसमें से राजस्थान में 2,314 कार्यशील है। देशभर के केन्द्रों में अभी तक कुल मिलाकर 7.76 करोड़ जांच उच्च रक्तचाप के लिए, 6.32 करोड़ जांच मधुमेह के लिए, 7.42 करोड़ जांच सामान्य कैंसरो जैसे मुख, स्तन और गर्भाशय के कैंसर के लिए की गई है।
एबी पीएम-जेएवाई के अंतर्गत कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग चिरकालिक रोगों और अन्य गैर-संचारी रोगों सहित 25 विभिन्न विशेषज्ञताओं के अंतर्गत कुल 1592 प्रक्रियाओं के लिए तत्संगत उपचार प्रदान किया जाता है।
एबी-पीएमजेएवाई की नीति के अंतर्गत धोखाधड़ी और दुरूपयोग के लिए बड़ी सख्ती अपनाई गई है और पीएमजेएवाई के कार्यान्वयन में हो सकने वाली ऐसी विभिन्न प्रकार की धोखाधड़ियो से बचाव, इनका पता लगाने और इनकी रोकथाम के लिए कदम उठाए गए है। एनएचए में राष्ट्रीय धोखाधड़ी-इकाई (एनएएफयू) स्थापित की गई और यह राज्य धोखाधड़ी-रोध इकाईयो (एसएफयू) के साथ गहन समन्वय करते हुए धोखाधड़ी और दुरूपयोग सम्बंधी मुद्दों की जांच करती है और इनके विरूद्ध संयुक्त कार्यवाही करती है। धोखाधड़ी करने वाले निकायों के विरू़द्ध उपयुक्त कारवाईयां की गई है जिनमें अस्पतालों का पैनल रद्द करना, ई-कार्डों को निष्किक्रय करना, दोषी अस्पतालों पर शास्ति लगाना और एफआईआर दर्ज करना शामिल है।