पीड़ितों की सेवा के लिए आगे आएं : डॉ. पंड्या

गायत्री परिवार के प्रमुख एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ. चिन्मय आह्वान किया

भरतपुर। गायत्री परिवार के प्रमुख एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ चिन्मय पंड्या शुक्रवार को भरतपुर आए। गायत्री शक्ति पीठ में आयोजित कार्यक्रम में डॉ. पंड्या ने कोरोना की दूसरी लहर में काल कल्वित हुए गायत्री परिजन के आश्रितों से मुलाकात कर सांत्वना दी। संवेदना व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना की। हिम्मत बंधाते हुए हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

इस मौके पर डॉ. पंड्या ने सभी कार्यकर्ताओं से मिशन के कार्यो को पूरे जोश के साथ और सभी गायत्री परिवार जनों के सुख-दुख में शरीक होते हुए करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि मनुष्यों में देवत्व का उदय व धरती पर स्वर्ग का अवतरण हो ऐसे हमें प्रयास करने चाहिए। सभी पीडि़त मानवता की सेवा करते हुए परम पूज्य गुरुदेव के विचारों को समाज मे पहुंचाएं। सत्प्रवर्ती संवर्धन दुष्प्रवर्ती उन्मूलन के कार्यों में लगे रहे।

जिससे 21वीं सदी उज्जवल भविष्य का स्वप्न तभी साकार हो सके। कार्यकम की अध्यक्षता संभागीय आयुक्त पीसी बेरवाल ने की। मुख्य प्रबंध ट्रस्टी देवेंद चामड व रमेश चंद पाराशर ने स्वागत किया। इस अवसर पर उप जोन संयोजक श्याम सिंह, जिला संयोजक श्याम सुंदर, नरेंद्र जोशी, हीरा लाल सोनी, डॉ गिरिश शर्मा, डॉ सुशील पराशर, सुरेश पाराशर, कोश्लेष शर्मा, विष्णु शर्मा, ललित प्रसाद सिंघल, खूबीराम शर्मा, श्री नाथ शर्मा, गजराज सिंह, उमाकांत, केदार पाराशर, चंद्र प्रकाश जसोरिया सहित गायत्री परिजन मौजूद थे।

नगर 7 शांतिकुंज हरिद्वार देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पंड्या ने कहा कि मनुष्य का सबसे बडा धर्म समाज की सेवा करना है। शुक्रवार को शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में स्वर्ण जयंती महोत्सव जनसंपर्क अभियान के तहत डीग चुंगी मंदिर सीताराम अमरदासा स्थित गायत्री नवचेतना केन्द्र पर कार्यकर्ता गोष्ठी में प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पंड्या ने कहा कि भारतीय संस्कृति निर्माण में महापुरुषों का अहम योगदान है।

प्राचीन काल में गुरूकुल में गुरुजनों के जप, तप, निष्ठा व अनुशासन द्वारा अर्जित ज्ञान से ही बालक योग्य नागरिक बनकर देश सेवा के लिए कार्य करने में सक्षम बनता था। वर्तमान में मन के विचारों की धारणा बदलने से सामाजिक स्तर शून्य होने लगा है। जिससे समाज व देश का विकास प्रभावित हुआ है। इस मौके पर प्रतिकुलपति डा पंड्या ने सामाजिक परिवर्तन को लेकर देवशक्तियों के आदर्शों को आत्मसात करने का आहवान किया।

कार्यक्रम के दौरान प्रांत प्रभारी जयसिंह यादव ने स्वर्ण जयंती महोत्सव जनसंपर्क अभियान पर प्रकाश डाला। शुभारंभ अतिथियों द्वारा वेदमाता गायत्री, प श्रीराम शर्मा व भगवती देवी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन कर किया। समापन शांतिपाठ व प्रसाद वितरण के साथ हुआ। इस अवसर पर गायत्री परिवार अध्यक्ष दीनदयाल मित्तल, खेमचंद तिवाड़ी, पूर्व पार्षद बद्री प्रसाद, ओमप्रकाश शर्मा, रमेश लवानिया, महेन्द्र लंबरदार, सूखानन्द शर्मा, मोहनलाल अवस्थी, कृष्णकांत शर्मा, वेदप्रकाश शर्मा, चरणसिंह, फूलसिंह मौजूद थे।

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