आयुष पद्धति के लिए आने वाला समय नए द्वार खोलेगा: डॉ हर्ष वर्धन

डॉ हर्षवर्धन, Dr. Harshvardhan
डॉ हर्षवर्धन, Dr. Harshvardhan

आयुष की कुछ दवाइयों को व्यापक क्लिनिकल ट्रायल के रूप में शुरू करने जा रहा है। आयुष और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा लाँच की गई ‘संजीवनी एप’लोगों के स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत कारगर सिद्ध होगा।

नई दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ और परिवार कल्याण मन्त्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा है कि कोविड -19 के दौरान भारत अश्वगंधा सहित आयुष की कुछ दवाइयों को व्यापक क्लिनिकल ट्रायल के रूप में शुरू करने जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत सभी पैमानों पर कोविड-19 की लड़ाई में जीत की ओर अग्रसर हैं।

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अन्य देशों के मुकाबले भारत की स्थिति मजबूत है। उन्होंने कहा कि आनेवाला समय आयुष पद्धति के लिए नए द्वार खोल सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमें मानवता की सेवा करनी है और इसके लिए जो भी बेहतर विकल्प और साधन उपल ध हैं, उन्हें जन-जन तक पहुंचाना है।

आयुष की कुछ दवाइयों को व्यापक क्लिनिकल ट्रायल के रूप में शुरू करने जा रहा है।

उन्होंने ‘संजीवनी एप’ और ‘कोविड 19 से जुड़े दो आयुष आधारित अध्ययनों ‘ का शुभार भ होने पर विश्वास जताया कि आयुष और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा लाँच की गई ‘संजीवनी एप’लोगों के स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत कारगर सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि आयुष प्रकल्प को स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आशीर्वाद प्राप्त है और वे स्वयं आयुर्वेद को लेकर बेहद प्रतिबद्ध हैं।

आयुष और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा लाँच की गई ‘संजीवनी एप’लोगों के स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत कारगर सिद्ध होगा।

उन्होंने रोग प्रतिरोधक क्षमता(इम्यूनिटी) बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय के उपायों की प्रशंसा की है और सभी से आयुष मंत्रालय की गाइडलाइन की पालना करने का आग्रह भी किया है। आयुर्वेद के विकास को लेकर मैं भी शुरू से प्रतिबद्ध रहा हूं। इस संदर्भ में 1993 की मेरी एक पहल उल्लेखनीय रही। उन्होंने कहा कि हम यह समझते है कि चिकित्सा और विज्ञान के आधुनिक मार्ग के और आयुष के मध्य को प्रतिस्पर्धा नहीं बल्कि वे एक दूसरे के मजबूत पूरक हैं। डॉ हर्ष वर्धन ने कोविड -19 से जुड़े आयुष आधारित