
जयपुर। कांग्रेस की अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं राजस्थान प्रभारी अविनाश पाण्डे ने बताया कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने प्रदेश की सभी जिला व ब्लॉक कांग्र्रेस कमेटियों को भंग कर दिया है और इससे पूर्व प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी, समस्त विभाग व प्रकोष्ठों को भी भंग कर दिया गया था। पाण्डे ने कहा कि आगामी समय में उक्त प्रदेश, जिला, ब्लॉक एवं विभागों व प्रकोष्ठों की कार्यकारिणियों का पुनर्गठन किया जायेगा। गोरतलब है कि पीसीसी अध्यक्ष सचिन पायलट को पद से हटाए जाने के बाद सभी कार्यकारिणी और कमेटियों को भंग कर दिया गया है।
यह भी पढ़ें-कांग्रेस का आरोप- चीन व कोरोना से लड़ने की बजाय सत्ता लूटने का काम कर रही है भाजपा
ज्ञात रहे कि सचिन पायलट पर सरकार गिराने सहित कई व्यक्तिगत आरोप हैं। हालांकि पायलट ने गहलोत के खिलाफ कोई आरोप नहीं लगाए। पायलट से पहले ही डिप्टी सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद छीन लिया गया। उनके विश्वस्त युवक कांग्रेस और सेवादल के अध्यक्षों को बदल दिया गया। साथ ही संगठन की प्रदेश से लेकर ब्लॉक स्तर की कार्यकारिणी भंग कर दी गई। कार्यकारिणी में अधिकांश समर्थक पायलट के ही थे।
कांग्रेस के युवक और सेवादल के अध्यक्षों को बदल दिया गया
गहलोत, जिन्होंने बार-बार पायलट पर अपनी सरकार को गिराने के लिए भाजपा के साथ साजिश रचने का आरोप लगाया है, भाजपा के पास 73 विधायक हैं और उसे सत्ता का दावा करने के लिए लगभग 30 और की जरूरत है। शुक्रवार की सुबह, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि एक केंद्रीय मंत्री और दो बागी विधायक फोन टेप में सौदेबाजी के जरिए अशोक गहलोत सरकार को गिराने की साजिश रच रहे हैं। कांग्रेस द्वारा ऑडियो के टेप में की गई बातचीत के पढ़े जाने के तुरंत बाद दो प्राथमिकी दर्ज की गईं।
पायलट कैंप ने कहा कि उन्होंने “स्टिंग टेप नहीं सुना है” और ये टेप बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने के कदमों को सही ठहराने के लिए मुख्यमंत्री की रणनीति का हिस्सा है। यदि विद्रोहियों को अयोग्य घोषित किया जाता है, तो 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा में बहुमत का निशान नीचे चला जाएगा, जिससे गहलोत को फायदा होगा।