
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस के उदयपुर में होने वाले चिंतन शिविर और आगामी राज्यसभा और विधानसभा चुनावों की रणनीति पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्य वरिष्ठ नेताओं से आज यहां भेंट की। बताते है कि उन्होंने पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए पार्टी सुप्रीमो को प्रशांत किशोर द्वारा दिए गए फार्मूले पर भी अपनी राय दी। इस मौके पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मौजूद थे। सोनिया गांधी पिछलें कुछ दिनों से इस फार्मूलें पर पार्टी नेताओं की राय ले रही है। प्रशांत किशोर ने 2024 के लोकसभा आम चुनावों में कांग्रेस को देश की चुनिंदा 370 सीटों पर अपने बलबूते पर चुनाव लडऩे और शेष सीटों पर सहयोगी दलों को मदद करने का फार्मूला दिया है।
इस सम्बन्ध में सोनिया गांधी अपने नेताओं से अलग अलग बात कर रही है लेकिन बुधवार को उन्होंने अपने सबसे विश्वस्त और गांधी परिवार के वफादार गहलोत से इस संदर्भ में गम्भीर चर्चा की। यह सर्व विदित है कि वर्तमान हालातों में गहलोत कांग्रेस में सबसे ताकतवर नेता बन कर उभरे हैं और सोनिया, राहुल और प्रियंका के निकटस्थ होने से कांग्रेस संगठन पर भी उनकी अलग ही छाप है। बताते हैं कि गहलोत ने सोनिया गांधी से कहा है कि पार्टी को किसी भी तरह से हताश और निराश होने के बजाय जनता से जुड़े मुद्दों को जोर शोर से उठाने और पार्टी विचारधारा को फैलाने की जरूरत है। शेष पृष्ठ 3 पर
कांग्रेस के सामने ऐसी परिस्थितियां और चुनौती पहली बार नहीं आई है। 1977 में इन्दिरा गांधी के समय भी ऐसे ही हालात पैदा हुए थे लेकिन उन्होंने हर चुनौती का सामना किया। देश के हर कोने का सघन दौरा किया, विपक्ष के हर हमले का मुंह तोड़ जवाब दिया तथा हार नही मानी और कांग्रेस को पुन: सत्ता में लाकर ही दम लिया।उनकी नृशंस हत्या के बाद राजीव गांधी और बेअंत सिंह आदि ने भी उनके मार्ग पर चलते हुए देश की एकता और अखण्डता के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए।
कांग्रेस के आज़ादी से अब तक के गौरवशाली इतिहास की जानकारी जन जन तक पहुंचाने विशेषकर युवाओं तक ले जाने की जरुरत है। उन्हें यह भी बताने की आवश्यकता है कि स्वतंत्रता संग्राम में भाजपा के लोगों ने अपनी उंगली तक नहीं कटाई। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को किसने मारा? कांग्रेस के सरदार वल्लभ भाई पटेल के कारण ही देश का एकीकरण हुआ। कांग्रेस के ऐसे अनेक महापुरुषों का इतिहास भरा पड़ा है। नई पीढ़ी को भ्रमित होने से बचाने की जरुरत है। उन्होंने बताया कि राजनीतिक उतार चढ़ाव आते जाते हैं। एक समय स्वयं भाजपा की भी लोकसभा में मात्र दो सीटें थी। ऐसे हालात में घबरायें बिना कांग्रेस को अपने सिद्धान्तों और विचारधारा पर अडिग रहना होगा।
आज दिल्ली दौरे पहुंचने पर मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मोदी सरकार पर जबर्दस्त हमला बोला और इसके साथ ही गहलोत ने मोदी सरकार को एक बार फिर घेरते हुए कहा कि, देश में संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही है जिसका खामियाजा युवाओं को भुगतना पड़ेगा। बीजेपी की मंगलवार को हुई बैठक पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी के पास सीएम पद के 6 दावेदार हैं, वसुंधरा राजे का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि एक प्रमुख दावेदार जो थी उसको तो दरकिनार कर दिया है। उन्होंने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के सीता माता को लेकर दिए विवादित बयान और प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर कई अहम मुद्दों पर मीडिया से बात की।
गहलोत ने कटारिया को दिमागी तौर पर डिस्टर्ब बताया तो वहीं प्रशांत किशोर की कांग्रेस में भूमिका को लेकर कोई सीधा जवाब नही दिया और कहा कि प्रशांत किशोर एक ब्रांड बन गए हैं, उन्होंने 2014 में मोदी के साथ काम किया, फिर वो नीतीश के साथ गए, अभी पंजाब में हमारे साथ थे। गहलोत ने कहा कि पीके प्रोफेशनल काम करते हैं हालांकि ऐसी कई और भी एजेंसियां हैं लेकिन पीके का नाम बड़ा हो गया तो वो खबरों में रहते हैं। गहलोत ने आगे कहा कि अगर उनका अनुभव हमारे काम आता है तो विपक्ष को एकजुट करने में और मोदी सरकार के खिलाफ संघर्ष करने में उनकी सहायता मिलती है तो यह अच्छी बात है।