भारत में कोरोना का कहर : विदेशी सहायता प्राप्त करने की अपनी नीति में 16 साल बाद बदलाव, 40 देशों की मदद ली

हामारी कोरोना वायरस पिछले एक साल से भारत में तबाही मचा रहा है। देश में पिछले कई दिनों से साढ़े तीन लाख से ज्यादा नए कोरोना मरीज मिल रहे हैं। महामारी के तांडव के चलते स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह लडख़ड़ा गई है। अस्पताल ऑक्सीजन, दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की कमी का सामना कर रहे हैं।

इसके बाद भारत ने विदेशी सहायता प्राप्त करने की अपनी नीति में 16 साल बाद बड़ा बदलाव किया है। इस बदलाव के बाद उसने विदेश से मिलने वाले उपहार, दान एवं सहायता को स्वीकार करना शुरू किया है। साथ ही चीन से भी चिकित्सा उपकरण खरीदने का फैसला किया है। 

एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया कि कोरोना महामारी की मार के चलते विदेशी सहायता प्राप्त करने के संबंध में दो बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। भारत को अब चीन से ऑक्सीजन से जुड़े उपकरण एवं जीवन रक्षक दवाएं खरीदने में कोई समस्या नहीं है। वहीं पड़ोसी देश पाकिस्तान ने भी भारत को मदद की पेशकश की है।

जहां तक पाकिस्तान से सहायता हासिल करने का सवाल है, तो भारत ने इस बारे में अभी कोई फैसला नहीं किया है। सूत्र ने बताया कि राज्य सरकारें विदेशी एजेंसियों से जीवन रक्षक दवाएं खरीद सकती हैं, केंद्र सरकार उनके रास्ते में नहीं आएगी।

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