दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस की वजह से क्रूड ऑयल की कीमतों में भारी गिरावट

नई दिल्ली। क्रूड ऑयल की कीमतों में भारी गिरावट देखी गई। इस गिरावट के पीछे की बड़ी वजह दुनियाभर में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप और सऊदी अरब द्वारा कीमतों में कटौती की घोषणा को माना जा रहा है। कच्चे तेल की कीमत जून के बाद पहली बार 40 डॉलर प्रति बैरल से नीचे गिरी है। इस दौरान यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) में भी 8 फीसदी की गिरावट देखी गई।

डब्ल्यूटीआई क्रूड की कीमत 8 प्रतिशत नीचे

मंगलवार की सुबह 11:33 बजे (1533 जीएमटी) डब्ल्यूटीआई क्रूड की कीमत 8 प्रतिशत नीचे गिरकर 36.35 डॉलर/ बैरल पर आ गई, जो 15 जून के बाद का निम्नतम स्तर है। इसके अलावा ब्रेंट क्रूड भी करीब 6 प्रतिशत फिसल कर 39.55 डॉलर/ बैरल पर आ गई थी। डब्ल्यूटीआई कू्रड और ब्रेंट क्रूड की कीमत अगस्त के निचले स्तरों से भी नीचे आ गई है।

दरअसल कोरोना वायरस का संक्रमण भारत, ब्रिटेन, स्पेन और अमेरिका के ज्यादातर हिस्सों में तेजी से फैल रहा है। वायरस के बढ़ते प्रकोप से फ्यूल की मांग में भारी गिरावट देखी का अनुमान है। इसके अलावा आर्थिक सुधारों को भी धक्का लग सकता है।

कीमतों में कटौती की घोषणा

इससे पहले सऊदी अरब की सरकारी ऑयल कंपनी अरामको ने रविवार को अक्टूबर में आधिकारिक कीमतों में कटौती की घोषणा की थी। इसके बाद से कू्रड की कीमतों में गिरावट देखने को मिला है। कू्रड ऑयल की मांग में कमी का अनुमान कारण कीमतों में कटौती का फैसला लिया गया है। पीके वेलेग एलएलसी के एनर्जी एनलिसिस्ट फिल वर्लेगर का कहना है कि, सऊदी अरब द्वारा कू्रड की कीमतों में कटौती की घोषणा के बाद एशियाई खरीदारों के लिए डब्ल्यूटीआई कू्रड में रुचि घटेगी, जिसका असर बाजार में भी दिखेगा।

हालांकि क्रूड की कीमतों में अप्रैल के निचले स्तर से शानदार रिकवरी देखी गई है। पेट्रोलियम एक्सपोर्टर देशों और सहयोगियों के संगठन ओपेक+ द्वारा की गई रिकॉर्ड आपूर्ति के चलते यह रिकवरी देखी गई है। इसके अलावा कू्रड को कमजोर अमेरिकी डॉलर से भी सहारा मिला है। ऑयल उत्पादक देश बाजार में कू्रड ऑयल की कीमतों की समीक्षा के लिए 17 सितंबर को बैठक करने वाले हैं।