
वॉशिंगटन। अमेरिका में उपराष्ट्रपति पद के लिए बहस हुई। डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन उम्मीदवार माइक पेंस के बीच साल्ट लेक सिटी में डिबेट हुई। हैरिस ने इस दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति माइक पेंस पर जमकर हमला बोला।
दोनों उम्मीदवारों ने बहस के दौरान अलग-अलग मुद्दों को लेकर एक-दूसरे पर तीखा जुबानी हमला बोला। राष्ट्रपति ट्रंप के कोरोना संक्रमित होने के बाद यह बहस खासा अहम हो गई। इस बहस का संचालन पत्रकार सुजैन पेज ने किया। कोरोना संक्रमण को देखते हुए दोनों उम्मीदवारों के बीच शीशे की शील्ड बनाई गई थी।
उम्मीदवारों और सुजैन के बीच सामाजिक दूरी का ख्याल रखा गया था। वहीं, इस बहस में शामिल हुए सभी दर्शकों का कोरोना टेस्ट करवाया गया था, इसके बाद प्रवेश दिया गया। बहस के दौरान सभी लोग मास्क लगाए और एक-दूसरे से दूरी बनाकर बैठे हुए नजर आए। यह बहस 90 मिनट तक चली और इसे अलग-अलग मुद्दों और हिस्सों में बांटा गया।

बहस के दौरान कमला हैरिस ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इस महामारी की प्रकृति के बारे में सूचित किया गया था कि यह बहुत ही घातक है। इसके बावजूद आज भी उनके पास इससे निपटने के लिए कोई कार्ययोजना नहीं है। जबकि जो बिडेन के पास योजना है।
कोरोना वायरस पर हैरिस ने पेंस को घेरा
बहस की संचालक सुजैन पेज ने पहले मुद्दे के तौर पर कोरोना वायरस महामारी को रखा। उन्होंने पूछा कि बिडेन प्रशासन इस महामारी से निपटने के लिए ऐसा क्या करेगा जो ट्रंप नहीं कर पाए? इसके जवाब में कमला हैरिस ने कहा, राष्ट्रपति की तरफ से कोरोना को अफवाह बताया गया। महामारी को लेकर जानकारियां छिपाई गईं और अब उनके पास इससे निपटने के लिए ठोस योजना नहीं है।
हैरिस ने कहा, अमेरिकी लोगों ने देखा है कि हमारे देश के इतिहास में किसी भी राष्ट्रपति प्रशासन की सबसे बड़ी विफलता क्या है। फ्रंटलाइन वर्कर्स को श्रमिकों की तरह माना गया। ट्रंप ने लगातार वायरस की गंभीरता को कम किया और लोगों को मास्क पहनने के लिए हतोत्साहित किया।
वहीं, पेंस ने प्रशासन की प्रतिक्रिया का बचाव किया और कहा कि महामारी के शुरुआती दिनों में राष्ट्रपति के कदमों ने लोगों की जान बचाई है। उपराष्ट्रपति ने कहा, जब आप कहते हैं कि पिछले आठ महीनों में अमेरिकी लोगों ने जो काम किया है, उसका कोई फायदा नहीं हुआ, तो यह अमेरिकी लोगों द्वारा किए गए बलिदानों के प्रति असंतोष है।
उन्होंने कहा, वास्तविकता यह है कि डॉक्टर फौसी ने ओवल कार्यालय में राष्ट्रपति से जो कहा वही उन्होंने अमेरिकी लोगों को बताया। ट्रंप सरकार ने टास्क फोर्स बनाया और सभी जरूरी कदम उठाए। उस समय चीन-अमेरिका के बीच सभी उड़ाने रद्द कर दी गईं, जबकि देश में सिर्फ संक्रमण के पांच मामले थे।