
शहर की मुख्य गोगामेड़ी में इस बार भी गोगानवमी पर कोराना के कारण मेला नहीं भरा। धोक लगाने के लिए श्रद्धालुओं का आवागमन रहा। गोगाजी के दरबार में हाजरी लगाने के लिए श्रद्धालुओं का सुबह से आने का सिलसिला शुरू हो गया, जो देर शाम तक जारी रहा।
गोगामेड़ी चेरिटेबल ट्रस्ट के मंत्री विश्वनाथ शर्मा ने बताया कि 132 वर्ष पुरानी इस मुख्य गोगामेड़ी हर वर्ष एक लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर धोक लगाते हैं। इस बार कोरोना को लेकर सरकार की जारी गाइड लाइन की पालना में मेला नहीं भरा गया। निशान लाने पर रोक के चलते शहर की 35 मेडियों के भगत अकेले ही आए और अपनी छड़ी को धोक लगवाई।
मंदिर के अध्यक्ष भागीरथ चौधरी ने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए मास्क व सेनेटाइजर की व्यवस्था की गई। डीएसपी ममता सारस्वत ने मंदिर में व्यवस्थाओं का जायजा लिया और मेड़ी में धोक लगाई। सभापति पायल सैनी ने भी मेड़ी में धोक लगाई। इस मौके पर संपत कुमार धूत, कोषाध्यक्ष पवन पिपलवा, ट्रस्टी नरेश दूधवेवाला, राजेंद्र ठठेरा, महेंद्र शर्मा, ओम प्रकाश गुर्जर आदि उपस्थित थे। भगत दीपक शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया।

जागरण में सांप लेकर नाचे भक्त, डेरू की धुन पर दी प्रस्तुति
वार्ड छह स्थित प्रहलाद भगत की गोगामेड़ी में सोमवार रात जागरण हुआ। हरिराम एंड पार्टी के कलाकारों ने डेरू की धुन पर भजनों व नृत्य की प्रस्तुतियां दी। मदनलाल, सुरेश कुमार ने भी भजनों से गोगाजी को रिझाया।
हाथों में सर्प लेकर नृत्य करते भगत सभी के आकर्षण का केंद्र रहे। मेड़ी के भक्त नथूराम ने बताया कि गोगाजी की ज्योत प्रज्वलित से शुरू हुए कार्यक्रम में शहर की सभी मेडिय़ों के गोगा भगत उपस्थित हुए। इस अवसर पर मंदिर की भव्य सजावट की गई। कार्यक्रम में रतनलाल, रामावतार, मगनलाल, ओमप्रकाश, भंवरलाल नायक, किशन लाल, नागर मल आदि उपस्थित थे।
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