
भीलवाड़ा। भूख, गरीबी, लाचारी को इस धरती से आज मिटाये भारत के हर भारतवासी को उसके सब अधिकार दिलाये आओ हम सब गणतन्त्र दिवस कुछ नये रूप में मनाये, इसी उद्देश्य के साथ जैन श्वेताम्बर सोश्यल ग्रुप रॉयल (जे.एस.एस.जी.), भीलवाड़ा के द्वारा गणतन्त्र दिवस के उपलक्ष्य में पूर्व संध्या पर गरीब बस्ती में जाकर जरूरतमन्द बच्चों को पेन्सिल, रबर, कॉपिया, फल, बिस्किट आदि वितरित किये गये।
इस अवसर पर अध्यक्ष ज्योति सांखला ने कहा कि जरूरतमंद की सहायता सबसे बड़ी मानव सेवा है। जरूरतमंदों की सहायता से बड़ा मनुष्य के लिए कोई धर्म है ही नहीं। अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस में कहा भी है- परहित सरिस धर्म नहीं भाई पर पीड़ा सम नहीं अधमाई। इससे परोपकार को बेहतर ढंग से समझा जा सकता है।
चैयरमेन मधु मेड़तवाल ने संबोधित करते हुए कहा कि गांधी जी ने भी कहा है वैष्णव जन को तेने कहिए जे पीर पराई जाणी रे। कहने का अर्थ है मनुष्य वही है जो मनुष्य के काम आवे। जो व्यक्ति दूसरों की पीड़ा समझे बगैर अपने स्वार्थ में जीता रहता है वह पशु से भी गया गुजरा है। क्योंकि पशु-पक्षी भी आपस में कभी कभार एक दूसरे की ऐसी सहायता कर देते हैं जो मनुष्य के लिए प्रेरक हो जाता है। सदियों से ऐसी घटनाएं देखने व सुनने को मिलती रहीं है। वेदों ने भी जो उपदेश दिया है उसका मूलमंत्र परोपकार के माध्यम से आत्मोन्नति है।
सचिव गरिमा रांका ने कहा कि ईश्वर की भक्ति अथवा उसके प्रेम का वास्तविक मार्ग यही है कि हम अवसर पड़ने पर जरूरतमंदों की मदद करें प्रत्येक व्यक्ति के साथ सत्य और न्याय का व्यवहार करें।

सचिव गरिमा रांका ने बताया कि इस कार्यक्रम में जेएसएसजी के अध्यक्ष ज्योति सांखला, संरक्षिका प्रीति गुगलिया, चैयरमेन मधु मेड़तवाल, सचिव नेहा छाजेड़, सरिता पोखरना, अनुराधा मेहता, नेहा बरड़ा, रानी बंब, गरिमा रांका, अंतिमा भंसाली, पिंकी चिपड़, सरोज सिसोदिया, सुरेखा पीपाड़ा, माही छाजेड़, संगीता पानगड़िया, अल्पना सांखला, अरूणा पोखरणा गौरव भंसाली, मुकेश पोखरना, मुकेश जैन, दिनेश मेड़़तवाल, राजेन्द्र गुगलिया विक्की छाजेड़ सहित अनके कार्यकर्ता उपस्थित रहे।