ऐसे करें करवा चौथ का व्रत, कुंवारी लड़कियां भी रख सकती हैं यह व्रत

करवाचौथ का व्रत
करवाचौथ का व्रत

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल करवा चौथ का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस पर्व को करक चतुर्थी के रूप में भी जाना जाता है। सुहागिन महिलाओं के लिए करवा चौथ का व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। महिलाएं सुखी वैवाहिक जीवन के लिए और अपने पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ के दिन निर्जला व्रत रखती हैं। रात में चंद्रमा भगवान के अघ्र्य देती हैं, इसके बाद छलनी में पति का चेहरा देखकर उपवास तोड़ती हैं। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से घर में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

करवाचौथ का व्रत
करवाचौथ का व्रत

कई जगहों पर कुंवारी लड़कियां भी करवा चौथ का व्रत रखती हैं, ऐसे में सवाल यह उठता है कि बिना शादी किए लड़कियां व्रत रख सकती हैं? तो आइए जानते हैं इसका जवाब। ज्योतिष जानकारों के अनुसार, सुहागिन महिलाओं के साथ कुंवारी लड़किया भी करवा चौथ का व्रत रख सकती हैं। अविवाहित लड़कियां अपने प्रेमी या मंगेतर जिसे अपना जीवनसाथी मान चुकी हैं, उनके लिए यह व्रत रख सकती हैं, लेकिन कुंवारी लड़कियों के लिए करवा चौथ के व्रत का नियम अलग हैं। ऐसे में अगर आपकी भी शादी नहीं हुई है और करवा चौथ का व्रत रखने जा रही हैं, तो ये नियम जरूर जान लें।

करवाचौथ का व्रत
करवाचौथ का व्रत

धार्मिक मान्यता के अनुसार, कुंवारी लड़कियां करवा चौथ के दिन निर्जला व्रत करने के बजाए फलहार व्रत रख सकती हैं। विवाहित महिलाएं करवा चौथ व्रत में भगवान शिव-पार्वती, चंद्रमा, गणेश और कार्तिकेय जी का पूजन करती हैं, लेकिन अगर अविवाहित लड़कियां इस व्रत को रख रही हैं, तो उन्हें केवल भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करनी चाहिए और माता करवा की कथा सुननी चाहिए।

करवा चौथ व्रत में सुहागिन महिलाएं रात में छलनी का प्रयोग कर के चांद को अध्र्य देती हैं, लेकिन वहीं कुंवारी कन्याएं इस व्रत में बिना छलनी का इस्तेमाल किए ही चंद्रमा भगवान का पूजा कर सकती हैं और व्रत का पारण भी कर सकती हैं।

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