अच्छे स्वास्थ्य के लिए करें ये जरूरी काम

अच्छा स्वास्थ्य सुखी जीवन की पहली मूलभूत आवश्यकता है। इसके अभाव में एकधनी व्यक्ति भी परेशानी और पीढ़ा का अनुभव करेगा। वास्तु के सिद्धांतों पर आधारित भवन आर्थिक सम्पन्नता के अलावा अच्छी सेहत केभी बेहद लाभकारी होता है। इसके लिए कुछ महत्वपूर्ण दिशाओं में वास्तु शास्त्र के अंतर्गत निर्धारित गतिविधियां होनी आवश्यक हैं। वास्तुकार संजय कुड़ी से जानते हैं उन महत्पूर्ण दिशाओं और उनके लिए निर्धारित वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों पर-

ईशान कोण का महत्व

जब अच्छे स्वास्थ्य की बात की जाती है तो यह सिर्फ शरीर तक सीमित नहीं होती है। एक व्यक्ति पूर्ण रूप से स्वस्थ तभी माना जाएगा जब वह शारीरिक के साथ-साथ मानसिक से भी स्वस्थ है। ईशान कोण इस सन्दर्भ में अहम भूमिका निभाता है। ईशान यानी की उत्तर-पूर्व दिशा में शौचालय या सीढिय़ों का निर्माण व्यक्ति के मन और मस्तिष्क से सम्बंधित बीमारियों का कारण बनता है। इसलिए इस स्थान को हमेशा स्वच्छ रखे। यहां पर आप लिविंग रूम या पूजा घर का निर्माण कर सकते हैं।

घर का ब्रह्म स्थान

यह घर का केंद्र होता है और साथ ही वास्तुमें यह सबसे संवेदनशील स्थान भी मान जाता है। यहां पर किसी भी तरह का निर्माण वास्तु में बिलकुल निषिद्ध है। इस जगह को हमेशा खाली, समतल एवं स्वच्छ रखें। अन्यथा इस स्थान पर विद्यमान वास्तु दोष पेट और रीढ से सम्बंधित परेशानी दे सकते हैं।

आग्नेय कोण

इसे दक्षिण-पूर्व दिशा के रूप में भी जाना जाता है। इस दिशा में अंडर ग्राउंड वाटर टैंक का निर्माण महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए अशुभ साबित होता है। यहां पर मुख्य द्वार का होना भी दीर्घकालीन रोगों को आमंत्रण देता है। घर के इस हिस्से में किचन बनाया जा सकता है। इस स्थान पर किचन की अवस्थिति अच्छे स्वास्थ्य के साथ ही घर के सदस्यों के लिए समृद्धि भी लाती है।

कुछ अन्य महत्वपूर्ण टिप्स

अगर आपको अनिद्रा व सिरदर्द की समस्या है तो उसका एक कारण यह भी हो सकता है कि आप सोते वक्त अपना सिर उत्तर दिशा की ओर रखते हो। हमेशा ध्यान रखे कि सोते वक्त आपका सिर दक्षिण या पूर्व दिशा की और हो। इसके अलावा बीम के नीचे काम करना या सोना भी मना है। घर को हमेशा साफ और स्वच्छ बनाये रखें।