पीले आम देखकर नहीं हों बावले, खरीदने से पहले करें असली-नकली की पहचान

असली-नकली आम की पहचान
असली-नकली आम की पहचान

इस समय आम का सीजन चल रहा है, लेकिन बाजार में असली आमों के साथ ही नकली आम की आवक भी बहुत बढ़ गई है। ऐसे में केमिकल युक्त आम खरीदकर आप अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ नहीं करें और इन तरीकों से असली और नकली आम की पहचान करें। जबरदस्ती पकाए गए आम देखने में नेचुरली पके आमों की तरह ही नजर आते हैं। यही वजह है कि लोग आम खरीदते वक्त इसमें अंतर नहीं कर पाते और घर ले जाकर मजे से खाते हैं। ऐसे आम खाने में भले ही नेचुरली पके आम की तरह स्वाद देते हों, लेकिन सेहत के लिए ये बेहद हानिकारक हैं।

केमिकल से पके आम खाने के नुकसान

असली-नकली आम की पहचान
असली-नकली आम की पहचान

कार्बाइड वाले आमों को ज्यादा खाने से उल्टी, डायरिया, अधिक कमजोरी, सीने में दर्द, सिर दर्द और एसिडिटी जैसी समस्या हो सकती है। वहीं, कुछ मामलों में ये केमिकल्स बुरी तरह से रिएक्ट करते नजर आते हैं, जिसकी वजह से स्किन अल्सर, आंखों में जलन और नुकसान के साथ गले में भी समस्या हो सकती है, जिससे खाना निगलने में परेशानी आ सकती है। केमिकल से पके आमों के कुछ और साइड इफेक्ट्स भी हैं, जैसे खांसी, मुंह में छाले और घरघराहट। इसके अलावा अगर आम खाने के तुरंत बाद आपको सांस लेने में परेशानी आती है, तो बिना देरी किए डॉक्टर के पास जाएं।

केमिकल से हो सकता है नसों को नुकसान

केमिकली पके आमों को खाने से होने वाले खतरों में हाइपोक्सिया एक सामान्य समस्या है। हाइपोक्सिया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें सेल्स तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाते और ज्यादातर ऐसा तब होता है, जब खून में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। हाइपोक्सिया के कुछ लक्षणों में चक्कर आना, नींद न आना, मेमोरी लॉस, पैरों में सुन्नता, लो ब्लड प्रेशर और दौरे जैसी परेशानी शामिल है।

आम को जबरदस्ती पकाने के लिए किन केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है?

आमों को समय से पहले और जल्दी पकाने के लिए जिन केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है, उनमें कार्बाइड सबसे प्रमुख है। इसके अलावा एथेफोन भी मुख्य प्लांट ग्रोथ रेगुलटर है, जिसका इस्तेमाल आम पकाने के लिए किया जाता है। ये केमिकल्स एसिटिलीन रिलीज करते हैं, जो आम को अपने निर्धारित समय से पहले पकने पर जोर देते हैं। इनकी वजह से आमों में मौजूद प्राकृतिक पोषक तत्व और खनिज टूट जाते हैं। इन केमिकल्स से पके आम आर्सेनिक और फॉसफोरस जैसे जहरीले पदार्थों से भरे होते हैं।

प्राकृतिक और केमिकल से पके आम की पहचान कैसे करें?

  • आमों को प्राकृतिक रूप से पकने में मौसम, पक्षियों समेत अन्य चीजों का योगदान होता है। इसके अलावा नेचुरली पके आम देखने में उतने आकर्षक नहीं लगते, जितने केमिकल से पके आम नजर आते हैं।
  • अपने समय के साथ और प्राकृतिक रूप से पके आमों में उसके पेड़ की हल्की खुशबू और स्वाद मौजूद रहती है। जबकि आर्टिफिशियल तरीके से पकाए गए आमों का स्वाद और उसकी खूशबू काफी तेज होती है, जिसकी वजह केमिकल्स होते हैं।
  • आर्टिफिशियल आम के दुष्प्रभावों से बचने का एक मात्र तरीका है कि बिना सीजन इसे खाने से बचना चाहिए। ये हानिकारक केमिकल्स का ही योगदान है कि समय से पहले ही मार्केट में आम नजर आने लगते हैं। सीजन के बीच में आम खरीदना सबसे अच्छा है।

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