ताकूं सीख न देह

दसवां वेद, daswa ved
दसवां वेद, daswa ved

जिनके भीतर कोई चाहना नहीं हो, उसे कभी सीख नहीं देनी चाहिए। कारण उल्टे कलश पर बादल बरसाने से वह भरता नहीं है, खाली का खाली रहता है। एक राजा को घेटों को पालने का बड़ा शौक था, जिनकी लड़ाई देखने में वह बड़ा रस लेता था।

गढ के पास ही एक स्थान पर मींडों को अलग-अलग बांध कर रखा गया था। परंतु कभी-कभी वे खुलकर आपस में लड़ पड़ते थे। वहीं बंदरों का एक झुंड भी रहता था, जिसका मुखिया एक बूढा बंदर था। उसने घेटों का झगड़ा देखकर अपने दल से कहा कि यहां रहना अच्छा नहीं, अत: सबको वह स्थान छोड़कर चले जाना चाहिए। परंतु उसकी बात दूसरे बंदरों ने नहीं मानी, तो वह स्वयं दल छोड़कर अन्यत्र चला गया और सब से कह गया कि यदि विपत्ति आ पड़े तो मुझे याद जरूर कर लेना।

बूढे बंदर के चले जाने पर एक घटना घटित हुई। दो घेटे आपस में लड़ रहे थे कि उनके पैर से वहां रहने वाले एक चूहे की पूंछ कट गई। इस पर चूहे ने बदला लेने का निश्चय किया। वह एक जलती हुई लकडी मुंह से पकड़कर रसोईघर में से ले आया। फिर उसने लकड़ी की आग घेटों के शरीर की ऊन से छुआ दी।

राजा के कई घोड़े जल गए

घेटे जलने लगे। जलते हुए घेटे इधर उधर दौडऩे लगे। पास की घुड़ साल में घुसे तो वहां आग लग गई और राजा के कई घोड़े जल गए। किसी तरह आग पर काबू किया गया। चूहा बदला लेकर प्रसन्न हो गया। राजा ने घोड़ों का इलाज करने के लिए पशु चिकित्सक को बुलाया तो उसने कहा कि घोड़ों के घावों पर बंदर की चर्बी लगानी चाहिए। फिर क्या था? गढ में रहने वाले राजपूतों को आज्ञा दी गई और वहां रहने वाले सभी बंदर तीरों से मार गिराये गए। किसी तरह बचकर एक बंदर अपने बूढे दादा की ओर गया। चर्बी से घोड़ों का इलाज चालू हुआ।

सलाह नही मानने का यह फल

भागे हुए बंदर ने अपने दादा को विपत्ति का संपूर्ण हाल जा सुनाया। उसने बड़ा दुख प्रकट किया कि मेरी सलाह नही मानने का यह फल है। परंतु जो हुआ सो हुआ। अब उसने राजा से बदला लेने का निश्चय किया। जिस जंगल में वह बंदर रहता था, वहां तालाब में एक भूत का निवास था। बंदर ने भूत से सांठ गांठ की और उसे अच्छे अच्छे फल भेंट किए। कुछ दिनों में भूत और बंदर में मित्रता हो गई। जब अच्छी मित्रता हो गई तो बंदर ने उसके सामने अपने दल के विनाश की कहानी प्रकट की तथा राजा से बदला लेने में उसकी सहायता मांगी। फल यह हुआ कि भूत ने बंदर के साथ आकर राजा का राज्य नष्ट कर डाला।