
सुजानगढ़ । राजस्थानी और हिंदी भाषा में समान रूप से गद्य व पद्य दोनों विद्याओं में लिखने वाले चर्चित रचनाकार सुजानगढ़ के डॉ. घनश्याम नाथ कच्छावा को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय से सम्बद्ध केंद्रीय साहित्य अकादेमी तीस दिसम्बर को शाम साढे पाँच बजे नई दिल्ली के कमानि आॅडिटोरियम में राजस्थानी भाषा के लिए वर्ष 2020 का अनुवाद पुरस्कार प्रदान करेंगी।
अकादेमी के सचिव डॉ. के. श्रीनिवासराव ने बताया कि डॉ. घनश्याम नाथ कच्छावा को इस पुरस्कार के तहत पचास हजार रुपये की राशि और प्रतीक चिन्ह अकादेमी के अध्यक्ष पद्मभूषण चंद्रशेखर कंबार भेंट करेंगे। आयोजन के मुख्य अतिथि एन .एस. डी . के उपाध्यक्ष डॉ. अर्जुनदेव चारण होगें। समारोह में राजस्थानी भाषा परामर्श मंडल के संयोजक मधु आचार्य आशावादी, वरिष्ठ साहित्यकार भँवर सिंह सामौर सहित अनेक गणमान्य जन उपस्थित रहेंगे।
इस भव्य समारोह में देश की चौबीस भाषाओं के अनुवाद पुरस्कार प्रदत किये जायेगे। इसी क्रम में आगामी इकत्तीस दिसम्बर को प्रातः दस बजे अकादेमी सभागार में अकादेमी उपाध्यक्ष डॉ. माधव कौशिक की अध्यक्षता में आयोजित लेखक सम्मिलन में डॉ. कच्छावा अनुवाद पर अपना वक्तव्य भी प्रस्तुत करेंगे।
ज्ञातव्य है कि यह पुरस्कार डॉ. घनश्याम नाथ कच्छावा को वर्ष 2014 में असमिया मूल के लेखक सैयद अब्दुल मलिक के पुरस्कृत उपन्यास ‘अघरि आत्मर काहिनि ‘ के उनके द्वारा राजस्थानी में किये गये अनुवाद ‘घरबायरौ’ पर घोषित हुआ हैं।
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