डाॅ विश्वास मेहता ने सम्भाला केरल के मुख्य सचिव का कार्यभार

Dr. Vishwas Mehta takes charge as Chief Secretary of Kerala
Dr. Vishwas Mehta takes charge as Chief Secretary of Kerala

डॉ. विश्वास मेहता ने रविवार रात्रि को केरल के मुख्य सचिव का कार्यभार सम्भाल लिया। उन्होंने केरल के निवर्तमान मुख्य सचिव टॉम जॉस से कार्य भार सम्भाला। भारतीय प्रशासनिक सेवा (भाप्रसे ) में 1986 बैच के वरिष्ठ अधिकारी मेहता दक्षिणी राजस्थान के उदयपुर संभाग के वागड़ अंचल डूंगरपुर नगर के मूल निवासी हैं।

  • राजस्थान के डूंगरपुर जिले के मूल निवासी

नई दिल्ली। भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. विश्वास मेहता ने रविवार रात्रि को केरल के मुख्य सचिव का कार्यभार सम्भाल लिया। उन्होंने केरल के निवर्तमान मुख्य सचिव टॉम जॉस से कार्य भार सम्भाला। भारतीय प्रशासनिक सेवा (भाप्रसे ) में 1986 बैच के वरिष्ठ अधिकारी मेहता दक्षिणी राजस्थान के उदयपुर संभाग के वागड़ अंचल डूंगरपुर नगर के मूल निवासी हैं। वे अभी तक केरल के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह एवं सतर्कता) और प्रदेश में कोविड-19 के ओवर ऑल प्रभारी थे।

उन्होंने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड -19) के विरुद्ध लड़ी जा रही जंग में प्रमुख भूमिका निभाई जिसके कारण केरल मॉडल की देश विदेश में विशेष चर्चा है और उसे एक आदर्श राज्य माना जा रहा है। पिछले बुधवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की अध्यक्षता में हुई केबिनेट की बैठक में उन्हें राज्य का नया मु य सचिव नियुक्त किया गया था।

डॉ. विश्वास मेहता ने रविवार रात्रि को केरल के मुख्य सचिव का कार्यभार सम्भाल लिया।

डॉ. विश्वास मेहता ने केन्द्र सरकार और केरल सरकार में अपनी सेवाओं के पहले राजस्थान में भी भारत सरकार के पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के मुख्यालय उदयपुर में बतौर निदेशक लगातार छह वर्षों तक अपनी सेवाएँ दी। उन्होंने भाप्रसे में अपने करीयर की शुरुआत केरल से की और राज्य के सर्वोच्च प्रशासनिक पद मुख्य सचिव तक का सफऱ पूरा करने से पहले उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर यहां अपनी सेवाएँ दी। वे दिल्ली में केरल के रेसीडेंट कमिशनर भी रहे।

डॉ. विश्वास मेहता ने केरल के संगीत एवं गायन प्रेमी : डॉ. विश्वास मेहता बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। उन्हें अपने परिवार से विरासत में संगीत और गायन की कला मिली। जिसे उन्होंने प्रशासनिक व्यस्तताओं के बीच भी अपनी इस प्रतिभा को और अधिक बेहतर ढंग से निखारा। पश्चिम सांस्कृतिक केन्द्र के निदेशक रहते उन्होंने उदयपुर में यूजिक़ लवर्स लब की स्थापना करवाई। केरल और दिल्ली में भी इन गतिविधियों को आगे बढ़ाया। उनके कई गीतों की रिकॉर्डिंग यूट्यूब,आकाशवाणी और दूरदर्शन आदि में भी उपलब्ध हैं।

डॉ. विश्वास मेहता ने केन्द्र सरकार और केरल सरकार में अपनी सेवाओं के पहले राजस्थान में भी भारत सरकार के पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के मुख्यालय उदयपुर में बतौर निदेशक लगातार छह वर्षों तक अपनी सेवाएँ दी।

जीवन परिचय : दक्षिणी राजस्थान के मेवाड़ से सटे वागड़ अंचल के
डूंगरपुर शहर में एक साधारण भट्टमेवाड़ा ब्राह्मण परिवार में पं. नर्वदा शंकरमेहता और जानकी देवी के कनिष्ठ पुत्र प्रीतम कुमार मेहता और सविता मेहता के घर में जन्मे डॉ. विश्वास मेहता की प्रार िभक शिक्षा चण्डीगढ़ में हुई। अपने पिता के विदेश में शोध अध्ययन में रहने के कारण उन्होंने कुछ समय डूंगरपुर के संत पैट्रिक स्कूल में भी पढ़ाई की। पिता के विदेश से लौटने के पश्चात वे पुन: माता-पिता के साथ चण्डीगढ़ चले गये । जहां उनके पिता पंजाब विश्वविध्यालय में प्रोफेसर थे ।

वहां रहते हुए उन्होने ज्योलॉजी में स्नातक और स्नातकोत्तर (गोल्ड मेडल के साथ ) तक पढ़ाई की। इसके पश्चात वर्ष 1983 में स्टील ऑथोरेटी ऑफ इण्डिय़ा और बाद में ओएनजीसी में एज्युकेटिव ऑफिसर चयनित होने के बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाने के लिए तैयारी में जुट गये और इसके प्रथम चरण में 1985 में आईपीएस भी चुने गये और मध्यप्रदेश केडर भी मिल गया लेकिन पिता की भावना अनुसार सर्विस जोईन नही की और पुन: सिविल परीक्षा की तैयारियों में जुट गए।

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अंततोगत्वा अगस्त 1986 में नवमी रेंक के साथ भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के रूप में चयनित हुए और उन्हें केरल राज्य का केडर मिला। बाद में उन्होंने एमबीए भी किया और पश्चिम सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर के निदेशक रहते हुए मोहनलाल सुखाडिया यूनिवर्सिटी से पीएचडी की उपाधि ग्रहण की। राजस्थान के पूर्व मु यमंत्री हरिदेव जोशी के ज्येष्ठ पुत्र और बांसवाड़ा नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष दिनेश जोशी की पुत्री प्रीति के साथ विवाह बंधन में बंधने के पश्चात वागड़ का यह लाल अपने क्षेत्र के नाम को लगातार गौरवान्वित करते हुए आगे बढता गया ।

उदयपुर पश्चिम सांस्कृतिक केन्द्र के निदेशक रहते हुए उन्होने डूंगरपुर के स्थापना दिवस पर वागड महोत्सव की शुरुआत करवाई थी। मेहता का जन्म स्थल वागड़ अंचल रियासत काल से ही शैक्षिक उन्नयन और उसके माध्यम से प्रतिभाओं का निखर कर आगे लाने वाला रहा है। धरा के इस हुनर की बदौलत राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय स्तर तक डूंगरपुर के पूर्व राज परिवार के सदस्यों के साथ ही क्षेत्र की अन्य कई प्रतिभाओं ने भी विभिन्न क्षेत्रों में अपना परचम फहराया है। इस कडी में डूंगरपुर शहर की पुराने शहर की तंग गलियों में निवास करने वाले प्रीतम कुमार मेहता और सविता मेहता के परिवार में जन्मे डॉ विश्वास मेहता वागड़ अंचल के उन नगीनों में से एक है जिन्हें

सामान्य परिवारों में से अंचल के प्रथम आईएएस बनने का गौरव मिला। डॉ विश्वास एक सामान्य लेकिन उच्चकुलीन ब्राह्मण परिवार से है। उनके दादाजी नर्मदा शंकर, नानाजी गोपाल वल्लभ द्विवेदी और अन्य रिश्तेदारों में फूफाजी कांतिनाथ भट्ट, शंकरलाल जोशी, मनोहरनाथ भट्ट और ताऊजी पुरुषोत्तम मेहता आदि की सामाजिक जीवन में बहुत ही स मानीय हैसियत रही है।

उनकी इकलोती छोटी बहन स्मृति के पति प्रदीप दीक्षित भी आईटीसी में शीर्ष पद पर हैं। साथ ही अन्य सगे स बंधी भी कई प्रतिष्ठित पदों पर हैं और रहे हैं।दादाजी के असामयिक निधन के बाद उनकी दादी जानकी देवी, इनके बड़े पिता पुरुषो ाम और पिता प्रीतम ने जीवन के प्रार िभक काल में अनेक कठिनाइयों को झेला, लेकिन परिवार की एकजुटता से विशेषकर भुआ राधिका श्याम सुंदर भट्ट और श्रीमती कृष्णा जोशी के स बल से परिवार हर कठिनाई से उबर कर समाज के लिए उदाहरण बना।

डूंगरपुर में मेडिक़ल कॉलेज खुलवाने मे रही महत्ती भूमिका: डॉ. विश्वास मेहता ने भारत सरकार के स्वास्थ्य मन्त्रालय के संयुक्त सचिव (मेडिकल शिक्षा) रहते हुए डूंगरपुर जिले को मेडिकल कॉलेज दिलवाने में अहम भूमिका निभाई। यूपीए सरकार के तत्कालीन केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद और तब के सांसद ताराचन्द भगोरा और मेहता के फूफेरे भाई गोपेंद्रनाथ भट्ट के साथ डॉ. विश्वास मेहता की इसमें महती भूमिका रही थी। जिन्होने डूंगरपुर को मेडिकल कॉलेज की सौगात दिलवाई ।

जीवन संगिनी प्रीति का योगदान भी विशेष उल्लेखनीय
केरल के नये मुख्य सचिव डॉ विश्वास मेहता के लम्बे प्रशासनिक, सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन में उनकी जीवन संगिनी धर्मपत्नी प्रीति मेहता का योगदान भी विशेष उल्लेखनीय रहा है। प्रीति अपने जमाने के दिग्गज नेता तथा राजस्थान के तीन बार मुख्यमंत्री और असम एवं मेघालय के राज्यपाल रहे हरिदेव जोशी की पौत्री है।

उनके पिता दिनेश जोशी भी यूथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहने के साथ ही राजस्थान स्वायत्त शासन संस्था के अध्यक्ष और बाँसवाड़ा नगरपालिकाध्यक्ष रहे हैं। अपनी समृद्ध पारिवारिक पृष्टभूमि के साथ जब वह विश्वास मेहता के साथ विवाह बन्धन से बंधी तो केरल में उन्हें कई मुश्किलों से गुजरना पड़ा। वहाँ का खानपान, रहन सहन, आबोहवा और सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश उत्तर भारत से जुदा था।

केरल के नये मुख्य सचिव डॉ विश्वास मेहता के जीवन में उनकी जीवन संगिनी धर्मपत्नी प्रीति मेहता का योगदान भी विशेष उल्लेखनीय रहा है। प्रीति अपने जमाने के दिग्गज नेता तथा राजस्थान के तीन बार मुख्यमंत्री और असम एवं मेघालय के राज्यपाल रहे हरिदेव जोशी की पौत्री है।

इसके पश्चात जब-जब मेहता के दिल्ली, उदयपुर और अन्य स्थानों पर ट्रान्सफऱ हुए तब भी कई तकलीफ़ें सामने आई। लेकिन प्रीति ने हर परिस्थिति में विश्वास का साथ दिया और उन्हें इस मुक़ाम तक पहुँचाने में पूरा साथ दिया। यूँ कहे प्रीति विश्वास की प्रीत और विश्वास प्रीति का विश्वास हैं तो कोई अतिशयोक्ति नही होगी। दरअसल वे एक दूसरे के पूरक हैं।

प्रीति उच्च शिक्षा प्राप्त एक सुसंस्कृत और विरासत में मिले संस्कारों के कारण बहुत ही व्यवस्थित गृहणी है।उन्होंने कोई व्यवसाय या नौकरी करने के बजाय हमेशा अपने घर को सुव्यवस्थित करने को प्राथमिकता दी।

हिंदी गुजराती, मेवाड़ी और अंग्रेज़ी बोलने के साथ विश्वास की तरह उन्होंने मलयालम भी सीखी है। हालाँकि विश्वास तो केरल के मूल निवासियों से भी बढिय़ा मलयालम बोलते है।दोनों एक मंच पर गाने की भी रियाज़ करते हैं । उनके दो पुत्र एकलव्य और ध्रुव मेहता हैं।