
नई दिल्ली। प्रमुख तेल उत्पादक सऊदी अरब के प्रतिष्ठनों पर हमले की खबर से वैश्विक कच्चा तेल बाजार में कीमतों में उछाल आ गया। बाजार का बैरोमीटर माना जाने वाला ब्रेंट क्रूड सोमवार को 1.14 डॉलर उछल कर 70.14 डालर प्रति बैरल पर पहुंच गया। यमन में ईरान समर्थित हूथी बाग़ी ग्रुप के सऊदी अरब के तेल भंडारों पर हमलों की गूँज भारत में भी सुनाई पड़ रही है। सऊदी अरब में पेट्रोलियम प्रतिष्ठानों पर हमलों के बाद पहले से ही लगातार तेजी से चढ़ रहते तेल उत्पादक एवं निर्यातक देशों के मंच (ओपेक) और उसके सहयोगी देशों की पिछले सप्ताह हुई बैठक में उत्पादन में कटौती को करीब-करीब बनाए रखने के फैसले के बाद कच्चे तेल के बाजार में कीमतें चढ़ने का सिलसिला पहल ही तेज हो गया था।
सऊदी अरब दुनिया में सबसे अधिक तेल पैदा करता है और ये भारत को तेल निर्यात करने वाला सबसे बड़ा देश है। भारत तेल आयात करने वाला अमेरिका और चीन के बाद तीसरा सबसे बड़ा देश है और इसने पिछले साल अपनी ज़रूरत के पेट्रोलियम उत्पाद का 85 प्रतिशत हिस्सा आयात किया था, जिस पर इसने 120 अरब डॉलर ख़र्च किए थे।
रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की क़ीमत में हर 10 डॉलर प्रति बैरल की बढ़ोतरी से भारत का आयात बिल कई गुना बढ़ जाता है।
दूसरी तरफ़ पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल और डीज़ल के दाम भी बढ़ जाते हैं। इन दिनों भारत के कुछ शहरों में पहली बार पेट्रोल का दाम 100 रुपये प्रति लीटर तक पहुँच गया है।