जोधपुर। किसान एवं किसान कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव आतिश चन्द्रा ने गुरूवार को जोधपुर के कलेक्टेट सभागार में टिड्डी प्रकोप स्थिति के आकलन के लिए अंतर मंत्रालयिक केन्द्रीय दल के भ्रमण के बाद समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की और आवश्यक निर्देश दिए।
संयुक्त सचिव ने बताया कि संभाग में राज्य सरकार व जिला प्रशासन के सहयोग से टिड्डी प्रकोप नियंत्रण के लिए प्रभावी तरीके से कार्य किया गया। टिड्डी प्रकोप की चेतावनी के बाद से ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वाचिंग की गई तथा संसाधनों व अवेयनेस की पूर्व तैयारी हर स्तर पर पुख्ता कर जिला एवं ब्लाॅक स्तर तक व्यूहरचना बना दी गई।
आतिश चन्द्रा ने बताया कि आपदा प्रबंधन का कम्यूनिकेशन प्लान पिछले मई माह से ही बना दिया गया था। मई से नवंबर माह तक नियंत्रण करने में सफलता प्राप्त हो गई। इस दौरान टिड्डी आक्रमण के नए मौसम व नए तेवर के अनुरूप मैकेनिज्म को भी समझने की वैज्ञानिक सीख भी प्राप्त हुई। उन्होंने बताया कि 1993 के बाद से हर दृष्टि से क्षेत्रीय विकास भी बढ़ गया था। इसे समझते हुए बेहतर मैकेनिज्म के साथ कार्य करके ग्राउंड कन्ट्रोल कर लिया गया।
अब क्या होगा आगे
संयुक्त सचिव ने बताया कि अब भविष्य में पूर्व में ही किसानों को भी जागरूक बनाए रखना है जो इस बार भी काफी सहयोग के साथ नियंत्रण कार्य में मदद कर रहे थे। उन्होंने बताया कि यहां स्प्रे इक्यूपमेन्टस् भी काफी अच्छे थे। हम अब जनजागृति कार्यक्रम चलाएंगे। कन्ट्रोल टीम व स्टेªटेजी टीम अब अलग-अलग काम करेगी। इस बाद के प्रभाव का समाजिक अध्ययन, बिहेवियर चेन्जेज एवं मौसम के बदलावों के अनुसार भी व्यूह रचना बनाई जाएंगी। उन्होंने निर्देश दिए कि नुकसान की वास्तविक रिपोेर्ट हो न कि ओवररिर्पोट हो तभी भविष्य की सही व्यूह रचना बनेगी। यह प्रसन्नता की बरात है कि यहां पर सही व सजगता पूर्ण कार्य हुआ है। कही भी रिपोर्ट में दोहराव नहीं है।
संभागीय आयुक्त ने कहा
संभागीय आयुक्त बीएल कोठारी ने कहा संभाग में टिड्डी नियंत्रण संबंधी कार्य को काफी मुस्तैदी के साथ अंजाम दिया गया। यहां पेस्ट डीलर्स ने भी कास्तकारों को निःशुल्क पेस्ट उपलब्ध करवाने में मदद की। हम अगामी वर्षो तक के लिए संसाधनों में वृद्धि के प्रयास व सक्रिय व सजगता बनाए रखने को योजनाबद्ध रूप से चलेंगे।
जिला कलेक्टर ने बताया
जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि टिड्डी नियंत्रण कार्य के लिए पिछले काफी माह से एक्सरसाईज की गई। राज्य सरकार द्वारा भी हर स्तर पर सहयोग प्राप्त हुआ।
ये थे अधिकारी
बैठक में कृषि एवं कृषक मंत्रालय के सहायक आयुक्त दयानंद सांवत, एनआईटीआई आयोग के संतोष आर, संयुक्त निदेशक डाॅ. जे.पी. सिंह, एफसीआई के डीजीएम अनिल बिल्लो, ग्रामीण विकास आयुक्त मोतीराम, डीएमटी निदेशक डाॅ. सुभाष, डीटीसी केन्द्रीय जल कमीशन के डाॅ. एस.डी. शर्मा व प्रिंसिपल साइंटिस्ट डाॅ. विपिन चैधरी सहित संभाग व बीकानेर संभाग के अधिकारीगण ने जानकारियां प्रस्तुत की।