पेट्रोल-डीजल के निर्यात पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ी

जानें इससे आपको फायदा होगा या नुकसान

नई दिल्ली। भारत सरकार ने हवाई जहाज के ईंधन और पेट्रोल-डीजल के एक्सपोर्ट पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का फैसला लिया है। सरकार की ओर से जारी किए गए नोटिफिकेशन के अनुसार पेट्रोल पर 6 रुपए प्रति लीटर जबकि डीजल पर 13 रुपए प्रति लीटर तक एक्सपोर्ट एक्साइज ड्यूटी में इजाफा करने का फैसला लिया गया है। वहीं, हवाई जहाज के ईंधन एटीएफ के एक्सपोर्ट पर 6 रुपये प्रति लीटर सेंट्रल एक्सपोर्ट एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी गई है।

सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल कीमतों के बढऩे के बाद ऑयल प्रोड्यूसर्स को होने वाले अप्रत्याशित फायदे को कंट्रोल करने के लिए घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर भी 23,230 रुपए प्रति टन का एक्स्ट्रा टैक्स लगाने का निर्णय लिया है। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी की गई एक सूचना के अनुसार सरकार ने सोने पर सीमा शुल्क को भी 10.75 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया है। सरकार की ओर से कहा है कि चालू खाता घाटे को कम करने में मदद के लिए ये कदम उठाया गया है।

आम आदमी पर क्या असर पड़ेगा?

सरकार के इस फैसले के बाद इस बात पर बहस शुरू हो गई है कि क्या इस फैसले से आम आदमी को मिलने वाली पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर भी कोई असर पड़ेगा? सवाल का जवाब सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन में ही दे दिया गया है। सरकार की जो से इस संबंध में जो सूचना जारी की गई है, उसमें कहा गया है कि इस फैसले का असर आम आदमी पर नहीं पड़ेगा। सरकार का यह फैसला सिर्फ और सिर्फ देश के बाहर निर्यात होने वाले पेट्रोलियम पदार्थों पर पड़ेगा।

सरकार के फैसले का आम आदमी पर नहीं पड़ेगा कोई असर

आम आदमी पर इस एक्सपोर्ट एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का सीधा-सीधा कोई असर नहीं पड़ेगा। सरकार की ओर से बढ़ाए गए इस टैक्स से पेट्रोल और डीजल की कीमतों के भी नियंत्रण में रहने की संभवना है। दरअसल, अगर एक्सपोर्ट ड्यूटी का चार्ज बढ़ाया गया है तो इसका साफ मतलब है कि अब पहले की तुलना में देश से बाहर इन चीजों का निर्यात करना और खर्चीला हो जाएगा। इस फैसले से पेट्रोलियम पदार्थों के निर्यात में कम ही सही पर कमी आने की उम्मीद है। सरकार के इस फैसले से देश में पेट्रोलियम पदार्थों की कमी नहीं हो इसे सुनिश्चत किया जा सकेगा। इसे देखते हुए सरकार का यह फैसला आम आदमी के लिए नुकसान का नहीं होकर फायदेमंद ही साबित होगा।