
राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में परीक्षार्थी से डेढ़ से तीन लाख रुपए वसूलकर उनकी जगह नकली अभ्यर्थियों से एग्जाम दिलवाने वाले गिरोह के फरार सरगना को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वह पिछले कई महीनों से फरार था।
इसकी तलाश में जयपुर की जालूपुरा थाना पुलिस ने कई बार भरतपुर में दबिश दी। लेकिन आरोपी हाथ नहीं लगा। आखिरकार उसे सोमवार रात को गिरफ्तार कर लिया। सोमवार को उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। इसी गैंग के 11 आरोपी नाहरगढ़ थाना पुलिस की गिरफ्त में आए थे। इनमें बिहार के करीब 9 लोग थे।
एडिशनल डीसीपी (नार्थ) धर्मेंद्र सागर ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी का नाम चेतराम प्रजापत उर्फ जितेंद्र प्रजापत (28) है। वह भरतपुर के ग्राम हेलक, थाना कुम्हेर भरतपुर का रहने वाला है। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि चेतराम का साथी और गैंग का मास्टरमाइंड बलराम गुर्जर अपने साथी देवी सिंह के साथ मिलकर ऐसे युवकों से संपर्क किया था, जिन्होंने नवंबर 2020 में आयोजित राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में आवेदन किया था। इनमें ज्यादातर अभ्यर्थी भरतपुर के थे।
जालूपुरा थानाप्रभारी राम सिंह जाट ने बताया कि चेतराम, बलराम गुर्जर की गैंग पुलिस भर्ती परीक्षा में पास कराने की गारंटी लेकर 3-3 लाख रुपए में सौदा करती थी।
इनमें डेढ़ लाख रुपए परीक्षा से पहले और डेढ़ लाख रुपए परीक्षा पास करने के बाद मांगते थे। कई युवकों से मोटी रकम वसूल भी कर ली। इसके बाद राजस्थान की इस गैंग ने बिहार में मौजूद मनीष कुमार से संपर्क किया था। मनीष कुमार यहां की स्थानीय गैंग के मास्टरमाइंड बलराम गुर्जर का परिचित था। जिसके मार्फत बिहार के युवक यहां असली अभ्यर्थी की जगह परीक्षा देने भेजे जाते थे