
क्षेत्रीय निदेशक अनुसंधान प्रोफेसर शीश राम ढाका ने बताया कि मंगलवार को चूरू जिले के किसानों का एक दल कृषि अनुसंधान केन्द्र फतेहपुर पर आकर खेती की नवीनतम तकनीकी के बारे में जानकारी हासिल की।
जिसमें प्रोफेसर ढाका ने किसानों से संवाद कर बताया कि किसान वैज्ञानिक विधि से खेती कर अधिक से अधिक मुनाफा कमा सकता है। आज का दौर जैविक व परम्परागत खेती का है जिसमें किसानों को बढ-चढ़ कर रूचि लेनी चाहिए। इस दौरान डॉ. सी.एल. खटीक व डॉ. के.सी. वर्मा नें फार्म पर चल रहे विभिन्न बीज कार्यक्रम, किस्मीय फसल प्रदर्शन व परीक्षणों से रूबरू करवाते हुए नवीनतम किस्मों तथा खरपतवार नियंत्राण के लिए जानकारी दी।
डॉ. धर्मेन्द्र त्रिपाठी ने कैर, रोहिड़ा एवं अरडू की नर्सरी तथा डॉ. रामू मीणा ने वर्मी कम्पोस्ट यूनिट का भ्रमण करवाकर फसल अवशेष व विभिन्न अपशिष्ट पदार्थों को वेस्ट डी-कम्पोजर के द्वारा अपघठित कर उतम किस्म की खाद तैयार करने के लिए किसानों को जानकारी दी।
डॉ. झूमर लाल व डॉ.डी. आर. बाज्या ने किसानों से संवाद कर फसलों में कीट नियंत्राण संबंधित तथा डॉ. मुदस्सर खान ने फसलों में लगने वाले रोग प्रबंधन के लिए जानकारी प्रदान की और डॉ. एस.सी महला ने इस समय आ रहे पादप कार्यिकी विकार व उससे निपटने के लिए अपनाये जाने वाले उपायों तथा डॉ. एस. के. अत्तर ने बाग-बगीचों तथा अगेती प्याज के लिए नर्सरी की देखभाल करने सम्बन्धित जानकारी दी। मीडिया प्रभारी डॉ. झूमर ने बताया कि चूरू जिले के 45 किसान केन्द्र के वैज्ञानिकों से रूबरू होकर नवीनतम तकनीकीयों से लाभान्वित हुए।
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