अफगानिस्तान के सरकारी चैनल से महिला एंकर खदीजा अमीन को हटाया गया, सलीमा को बंधक बनाया

अफगानिस्तान में कब्जे के बाद से ही तालिबान की तानाशाही साफ नजर आने लगी है। अब तो तालिबान तानाशाह ही नहीं, झूठा भी नजर आ रहा है। एक दिन पहले तालिबान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वादा किया था कि महिला अधिकारों की हिफाजत की जाएगी, लेकिन एक हफ्ता पहले ही अफगानिस्तान के सरकारी चैनल को जॉइन करने वाली महिला एंकर खदीजा अमीन को वहां के अधिकारियों ने निकाल दिया है।

उधर, बल्ख की महिला गवर्नर सलीमा को भी बंधक बना लिया गया है। चैनल के अधिकारियों ने खदीजा से कहा कि सरकारी चैनल पर महिलाएं काम नहीं कर सकती हैं। खदीजा ने कहा, अब मैं क्या करूंगा। भविष्य की पीढ़ी के पास कुछ नहीं होगा। 20 साल में हमने जो कुछ भी हासिल किया है, वो सबकुछ चला जाएगा। तालिबान तालिबान ही रहेगा। वो बिल्कुल नहीं बदला है।

अफगानिस्तान के बल्ख प्रांत में जब तालिबान ने कब्जे की लड़ाई शुरू की थी, तब चारकिंट की गवर्नर सलीमा मजारी ने उनके खिलाफ हथियार उठा लिए थे। जिस वक्त अफगानिस्तान की लीडरशिप देश छोड़ रही थी, उस वक्त सलीमा अपने जिले चारकिंट में ही मौजूद रहीं।

अपनी अवाम की हिफाजत के लिए तब तक लड़ती रहीं, जब तक वहां पूरी तरह तालिबान का कब्जा नहीं हो गया। चारकिंट अकेला ऐसा जिला था जिसे महिला गवर्नर चला रही थी और पूरे अफगानिस्तान पर कब्जे से पहले इस जिले ने तालिबानियों के आगे सरेंडर नहीं किया था।

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